बारामती विधानसभा सीट
पुणे: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का ऐलान हो गया है। महाराष्ट्र का चुनाव एक फेज में 20 नवंबर को होगा और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। वोटों की गिनती के बाद 26 नवंबर से पहले नई सरकार का गठन किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के चुनाव नतीजे आने के बाद अब सभी की नजरें महाराष्ट्र में होने वाली विधानसभा चुनाव पर टिकी हुई है। जिसके बाद सभी पार्टी अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई है।
इस चुनावी माहौल को देखते हुए न्यूजरूम से हम भी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं और आपके लिए महाराष्ट्र के 288 विधानसभा सीटों का विश्लेषण करके आप तक पहुंचा रहे हैं। आज आपको बारामती सीट की जानकारी देने वाले हैं।
बारामती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के 288 निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। लोकसभा और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र परिसीमन आदेश, 2008 के अनुसार, बारामती निर्वाचन क्षेत्र में पुणे जिले का बारामती तालुका शामिल है। यह विधानसभा क्षेत्र बारामती लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। इस सीट पर अजित पवार 1999 से विजयी रहे हैं।
वर्ष | उम्मीदवार | पार्टी | कुल वोट |
---|---|---|---|
2019 | अजित आनंदराव पवार | NCP | 195641 |
2014 | अजित आनंदराव पवार | NCP | 150588 |
2009 | अजित आनंदराव पवार | NCP | 128544 |
2004 | अजित आनंदराव पवार | NCP | 96302 |
1999 | अजित आनंदराव पवार | NCP | 86507 |
1995 | पवार अजित आनंदराव | INC | 91493 |
1990 | पवार शरदचंद्र गोविंदराव | INC | 102066 |
1985 | पवार शरदचंद्र गोविंदराव | ICS | 53545 |
1980 | पवार शरदचंद्र गोविंदराव | INC(U) | 54919 |
1978 | पवार शरदचंद्र गोविंदराव | INC | 49685 |
1972 | शरदचंद्र पवार | INC | 49874 |
इस सीट पर सबसे पहले 1972 में चुनाव हुआ था। तब इस सीट पर शरदचंद्र पवार ने जीत हासिल की थी। इस सीट पर 1995 तक आईएनसी तक कब्जा रहा है। 1999 से लेकर अबतक इस सीट पर एनसीपी का कब्जा रहा है। इस सीट पर अजित पवार की धाक है। उन्हें 1999 से कोई नहीं हरा सका है।
जनरल कैटेगरी में लिस्टेड बारामती सीट पर 2019 के आंकड़ों के मुताबिक 3 लाख 41 हजार 859 वोटर्स हैं। इस सीट पर एससी-एसटी वोटरों का महत्वपूर्ण रोल रहता है। यहां एससी-एसटी वोटर 55 हजार के करीब हैं। वहीं, अगर मुस्लिम वोटरों की बात करें तो लगभग 15 हजार हैं।
यह भी पढ़ें : भोर विधानसभा सीट: कांग्रेस का इस सीट पर रहा है दबदबा, इस बार भी लहराएगी परचम या महायुति करेगी उलटफेर?
इस सीट पर पवार परिवार का ही बोलबाला रहा है। शुरुआत में इस सीट से शरदचंद्र पवार जीतते आए थे। उनके बाद 1999 से अजित पवार ने इस सीट पर अपनी धाक जमा ली है। शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद इस सीट की जंग काफी रोचक हो गया है। अब देखना अहम होगा कि अजित पवार अपनी साख बचाएंगे या शरद पवार कोई नई चाल चलकर बाजी पलट देंगे।