तेजस्वी यादव, (नेता, आरजेडी)
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे चुनाव को देखते हुए राजद-कांग्रेस की नेतृत्व वाली महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी जारी है। इस बीच बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी चुनावी मैदान का ऐलान कर दिया है। इस बार भी वह वैशाली जिले के राघोपुर सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। तेजस्वी 15 अक्टूबर को अपना नामांकन करेंगे।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव ने एक बार फिर अपनी पारंपरिक सीट राघोपुर से चुनाव लड़ने का मन बनाया है। उन्होंने नामांकन की तारीख 15 अक्टूबर तय की है। इस बीच उनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी कर लोगों से नामांकन समारोह में शामिल होने की अपील की है।
हालांकि, तेजस्वी के नामांकन की घोषणा के बावजूद महागठबंधन के भीतर सीट शेयरिंग को लेकर अब तक सहमति नहीं बन सकी है। कांग्रेस और वामदलों के बीच कई सीटों पर टकराव की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, राजद 140 सीटों पर दावा ठोक रही है, जबकि सहयोगी दल इससे नाखुश हैं। कांग्रेस को करीब 60 सीटों का ऑफर मिलने की खबर है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग करीब-करीब पूरी हो चुकी है, सिर्फ 2-3 सीटों पर दोनों पार्टियों का दावा बरकरार है, जिसकी वजह से फाइनल बात-चीत नहीं बन पाई है।
तेजस्वी यादव का नामांकन समारोह उनके लिए एक शक्ति प्रदर्शन का भी मौका माना जा रहा है। राजद कार्यकर्ताओं और समर्थकों से बड़ी संख्या में राघोपुर पहुंचने की अपील की गई है। पार्टी इस मौके को चुनावी अभियान की औपचारिक शुरुआत के रूप में देख रही है। ऐसी चर्चा है कि जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में उतर सकते हैं। हालांकि, जनसुराज ने अभी तक इस सीट को लेकर अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है।
ये भी पढ़ें: सियासत-ए-बिहार: सांसदी छोड़ी-पार्टी तोड़ी…तब जाकर मिली CM की कुर्सी, लेकिन 50 दिन में गिर गई सरकार
वैशाली जिले का राघोपुर विधानसभा सीट राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव तीनों के लिए बेहद खास रही है। लालू यादव ने भी यहां से चुनाव लड़ा था और अब तेजस्वी यादव लगातार तीसरी बार इस सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। यह सीट यादव परिवार का पारंपरिक गढ़ मानी जाती है। 1995 से लेकर अब तक इस सीट पर लालू यादव परिवार का एकक्षत्र कब्जा रहा है।