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IRCTC Scam: IRCTC घोटाले ने लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए नई मुश्किलें पैदा कर दी हैं। बिहार में विधानसभा चुनाव की गहमा-गहमी के बीच इस मामले में आरोप तय होना लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के साथ-साथ महगठबंधन के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है।
बता दें कि यह घोटाला उस समय का है जब लालू प्रसाद यादव 2004 से 2009 के बीच भारत के रेल मंत्री थे। यह मामला आईआरसीटीसी के तहत रांची और पुरी में स्थित दो होटलों, बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी, के संचालन और रखरखाव के ठेके देने में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि इन होटलों के ठेके सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक निजी कंपनी को अनुचित तरीके से दिए गए थे। सुजाता होटल्स को ठेका दिलाने के लिए निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी की गई थी। बदले में, ज़मीन लालू परिवार से जुड़ी एक फर्जी कंपनी को बहुत कम कीमत पर दे दी गई।
सीबीआई के अनुसार, रांची में रेडिसन होटल परियोजना के लिए आईआरसीटीसी ने रियायती दर पर रेलवे की जमीन का अधिग्रहण किया। ज़मीन का सर्किल रेट 32 करोड़ रुपये और बाजार मूल्य 94 करोड़ रुपये होने के बावजूद, जमीन केवल 65 लाख रुपये में हस्तांतरित की गई। आरोप है कि रेलवे में ठेकों और नियुक्तियों के बदले जमीन या संपत्ति ली गई। जिसे “लैंड फॉर जॉब्स” मॉडल के रूप में जाना जाता है।
दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लोगों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। लालू प्रसाद यादव मुख्य आरोपी हैं, उन पर पूरी साज़िश रचने का आरोप है। राबड़ी देवी पर जमीन सौदे में शामिल होने का आरोप है। तेजस्वी यादव पर पारिवारिक लाभ लेने का आरोप है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रेम चंद गुप्ता लालू के करीबी हैं, उनकी पत्नी सुजाता होटल्स की मालकिन हैं।
इसमें आईआरसीटीसी के चार अधिकारी और सुजाता होटल्स के निदेशक भी आरोपी हैं। कुल 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि लालू यादव की जानकारी में साज़िश रची गई थी। अब मामला ट्रायल स्टेज में पहुंच गया है, जहां कोर्ट दोष और सजा पर फैसला सुनाएगा।
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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ये मामला लालू परिवार और उनकी पार्टी RJD के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि यह एक ऐसा हथियार है जिससे एनडीए बिहार में महागठबंधन को परास्त कर सकती है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि लालू इस ‘शस्त्र’ की क्या काट निकालते हैं।