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नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। दोनों राज्यों में वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी। इसके कुछ देर बाद रुझान आने शुरू हो जाएंगे। दोनों राज्यों में 90-90 विधानसभा सीटें हैं। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव हुए थे। पहले चरण के लिए 18 सितंबर, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और आखिरी चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोट डाले गए थे। केंद्र शासित प्रदेश में इस बार कुल 63.88 फीसदी मतदान हुआ है। वहीं, हरियाणा में एक ही चरण में 5 अक्टूबर को वोट डाले गए थे। इस चुनाव में 67 फीसदी मतदान हुआ है।
जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हुए हैं। पिछली बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था। 2019 में चुनाव होने थे, लेकिन उससे पहले ही अगस्त में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। इस तरह से देखा जाए तो यह चुनाव जितना विपक्षी दलों के लिए महत्वपूर्ण है, उतना ही भाजपा के लिए लिटमस टेस्ट भी है। भाजपा, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी के अलावा कई अन्य क्षेत्रीय दलों के नेता मैदान में हैं।
जम्मू-कश्मीर में भाजपा से लेकर एनसी और पीडीपी के कई नेताओं की किस्मत दांव पर है। राजौरी जिले की नौशेरा विधानसभा सीट से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना मैदान में हैं। रैना का मुकाबला पीडीपी के हक नवाज से है। 2014 के विधानसभा चुनाव में रविंदर रैना ने यहां से जीत दर्ज की थी। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला इस बार दो सीटों से मैदान में थे। इनमें से एक गंदेरबल सिंह है, जहां उनका सीधा मुकाबला पीडीपी के बशीर अहमद मीर से है। वहीं बडगाम में उनका मुकाबला आगा सईद मुंतजिर मेहदी से है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव
कुल सीटें- 90
एससी- 7 सीटें
एसटी- 9 सीटें
कुल वोट प्रतिशत- 63.88%
पुरुष- 64.68%
महिलाएं- 63.04%
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इस बार जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन है। कांग्रेस 32 सीटों पर मैदान में थी जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। सीपीएम और पैंथर्स पार्टी को 1-1 सीट दी गई है। वहीं, 6 सीटों पर दोस्ताना मुकाबला है। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी भी बीजेपी की तरह अकेले चुनाव मैदान में है।
इसी तरह हरियाणा में कई बड़े चेहरों की किस्मत दांव पर है। इनमें मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ ही राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज भी शामिल हैं। सैनी लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि विज अंबाला कैंट से चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला-किलोई और विनेश फोगाट जुलाना सीट से चुनाव लड़ रही हैं। इनेलो नेता अभय चौटाला ऐलनाबाद सीट से चुनाव लड़ चुके हैं, जबकि दुष्यंत चौटाला उचाना कलां सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। ये हरियाणा के वो चर्चित चेहरे हैं, जिन पर खुद की जीत के साथ-साथ पार्टी को भी जिताने की जिम्मेदारी है।
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में होने वाला चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच पहला बड़ा सीधा मुकाबला है। हरियाणा के सियासी रण में भाजपा, कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी, इनेलो-बसपा और जेजेपी-आजाद समाज पार्टी भी हैं। हालांकि, अधिकांश सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना है। इस चुनाव में जीत के जरिए राजनीतिक दल आगामी चुनाव को अपने पक्ष में मोड़ने और मौके को भुनाने की पूरी कोशिश करेंगे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव
कुल सीटें-90
मतदान-5 अक्टूबर
मत प्रतिशत-67.9%
एससी-17 सीटें
एसटी-0
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हरियाणा की 90 सीटों के लिए 464 निर्दलीय और 101 महिलाओं समेत कुल 1031 उम्मीदवार मैदान में हैं। हरियाणा में बनाए गए सभी स्ट्रांग रूम में सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही कड़ी है। मतगणना के मद्देनजर स्ट्रांग रूम में भी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल ने सोमवार को बताया कि मतगणना स्थल पर तीन लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मतगणना हॉल में सिर्फ उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जाएगा।