भूपेन्द्र हुड्डा व नायब सिंह सैनी (डिजाइन फोटो)
चंडीगढ़: हरियाणा की सभी 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान हुआ था। कुल 61 फीसदी वोट पड़े थे। अब कुछ ही घंटों में स्थिति साफ हो जाएगी कि क्या कांग्रेस 10 साल बाद वापसी करेगी या फिर बीजेपी जीत की हैट्रिक लगाएगी? वैसे तो हरियाणा में 5 बड़ी पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं। लेकिन असली मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है।
कांग्रेस, बीजेपी के अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो), जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) और आम आदमी पार्टी (आप) भी किंगमेकर बनने की होड़ में हैं। इनेलो बहुजन समाज पार्टी और जेजेपी-आजाद समाज पार्टी के साथ गठबंधन के सहारे ऐसा करने की कोशिश में है। वैसे तो इस चुनावी मैदान में कई बड़े चेहरे हैं, जिनकी जीत या हार पर सबकी नजर रहेगी। लेकिन इनमें 6 नाम ऐसे हैं जिन पर सबकी नजर रहेगी। इनमें भूपेन्द्र हुड्डा, नायब सिंह सैनी और विनेश फोगाट जैसे बड़े नाम शमिल हैं।
हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला किलोई से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर उनकी पकड़ मजबूत बताई जाती है। हुड्डा दो बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। अगर कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो उन्हें सीएम पद का सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। इस सीट पर जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं। भूपेंद्र हुड्डा भी इसी समुदाय से आते हैं।
मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा से दिल्ली भेजे जाने के बाद मुख्यमंत्री की कमान पाने वाले नायब सिंह सैनी अपने क्षेत्र करनाल की बजाय कुरुक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के मेवा सिंह से है। पिछली बार मेवा सिंह ने लाडवा सीट से जीत दर्ज की थी। लाडवा में बड़ी संख्या में ओबीसी मतदाता होने का फायदा नायब सिंह सैनी को मिल सकता है
पेरिस ओलंपिक 2024 से लौटने के बाद विनेश फोगाट चुनावी राजनीति में उतर गई हैं। फोगाट कांग्रेस के टिकट पर जुलाना विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही थीं। जुलाना विनेश का ससुराल भी है। भाजपा ने विनेश के खिलाफ पूर्व पायलट योगेश बैरागी को मैदान में उतारा था। करीब दो लाख की आबादी वाले जुलाना में 70 फीसदी जाट समुदाय के लोग हैं।
विज हरियाणा भाजपा का बड़ा पंजाबी चेहरा हैं। दो बार मंत्री रह चुके विज अंबाला कैंट सीट से उम्मीदवार थे और उन्होंने चुनाव के बीच में सीएम पद के लिए दावेदारी जताई थी। अंबाला कैंट में पंजाबियों और जाट सिखों के करीब 80 हजार वोट हैं। 1967 से 2019 तक यहां ज्यादातर पंजाबी समुदाय के लोग ही विधायक चुने गए हैं। यहां निर्दलीय उम्मीदवार चित्रा सरवारा अनिल विज को अच्छी टक्कर दे रही थीं।
हरियाणा के सिरसा जिले की ऐलनाबाद सीट से इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला चुनाव लड़ रहे हैं। वे पिछले दो चुनावों से इस सीट पर जीतते आ रहे हैं। यहां ओबीसी- 18 फीसदी, अनुसूचित जाति- 21 फीसदी, जाट सिख- 7 फीसदी, ब्राह्मण- 3 फीसदी, पंजाबी- 3 फीसदी, वैश्य 3 फीसदी हैं। यहां जाट समुदाय और शहरी मतदाता उम्मीदवार की जीत-हार तय करते हैं। कांग्रेस के पूर्व विधायक भरत सिंह बेनीवाल यहां चौटाला को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
जजपा नेता और पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला उचाना सीट से चुनावी मैदान में थे। वे पिछले पांच सालों से भाजपा के साथ सरकार में थे। लोकसभा चुनाव 2024 में जब भाजपा के साथ सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई तो गठबंधन टूट गया। 2019 में दुष्यंत चौटाला उचाना सीट से चुनाव जीते। यहां करीब 2.17 लाख मतदाता हैं। इनमें सबसे अधिक 1.7 लाख मतदाता जाट हैं।