दिल्ली में हादसे के बाद बिखलते परिजन
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ में मारे गए या घायल हुए 33 व्यक्तियों के परिवारों को कुल 2.01 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि इस मामले में प्रत्येक मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.50 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।
बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ मेले में जाने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच 15 फरवरी की शाम को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मच गई थी। संसद में अपने जवाब में वैष्णव ने मृतकों और घायलों की संख्या नहीं बताई, लेकिन घटना के बाद अधिकारियों ने कहा था कि भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई और 15 घायल हुए। रेल मंत्री ने बताया कि घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ मचने से संबंधित एक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। याचिका में दावा किया गया था कि भगदड़ में 200 से अधिक लोगों की मौत हुई है और न्यायालय भीड़ नियंत्रण के मुद्दे पर अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करें। न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति पी.के. मिश्रा की पीठ ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से पूछा कि क्या 200 लोगों की मौत होने का कोई सबूत है?
वकील ने दावा किया कि रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के कई वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर अपलोड किए गए थे और रेलवे ने वहां मौजूद गवाहों को नोटिस जारी किया है। पीठ ने कहा कि वे व्यक्ति अदालत का रुख कर सकते हैं। पीठ ने पूछा कि क्या याचिकाकर्ता का मानना है कि संबंधित प्राधिकारी इस मुद्दे की उपेक्षा कर रहे हैं?
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इसके जवाब में वकील ने कहा कि यह याचिका राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के उचित क्रियान्वयन और भीड़ नियंत्रण के लिए प्रासंगिक नियमों के लिए दायर की गई है। पीठ ने याचिका खारिज कर दी और कहा कि याचिकाकर्ता अपनी शिकायत लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय जा सकता है। वकील ने कहा कि याचिका में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पक्षकार प्रतिवादी बनाया गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 19 फरवरी को रेलवे से यात्रियों की अधिकतम संख्या और प्लेटफार्म टिकटों की बिक्री निर्धारित करने के मुद्दे पर गौर करने को कहा था। ये मुद्दे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल ही में हुई भगदड़ को लेकर दायर एक जनहित याचिका में उठाए गए थे। उच्च न्यायालय ने संबंधित प्राधिकारियों से कहा था कि वे एक हलफनामे में इन मुद्दों पर लिए गए निर्णयों का ब्यौरा प्रस्तुत करें।