
प्रतीकात्मक तस्वीर( सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव आयोग ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सोमवार को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी। अपडेटेड लिस्ट के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाता हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि जिन लोगों के नाम शामिल नहीं हैं वे 2025 के विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं कर पाएंगे। नई मतदाता सूची में यह भी विवरण दिया गया है कि कितने नए मतदाता जोड़े गए हैं और कितने नाम हटाए गए हैं। इससे पहले शनिवार को नई दिल्ली के जिला चुनाव अधिकारी ने विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं के नाम हटाने से संबंधित AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आरोपों को निराधार कहकर खारिज कर दिया, जहां से पार्टी संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आगामी चुनाव लड़ेंगे।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह का आरोप है कि जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), नई दिल्ली ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने की मांग करने वाले आवेदकों का विवरण प्रदान नहीं किया और अधिकारी जानबूझकर मतदाताओं के नाम हटा रहे थे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दिल्ली निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि संजय सिंह का आरोप तथ्यात्मक रूप से गलत और निराधार हैं।
दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी AAP ने भाजपा पर दिल्ली में केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी का समर्थन करने वाले मतदाताओं के नाम हटाने के लिए थोक में आवेदन दाखिल करने का आरोप लगाया है। अधिकारी ने जोर देकर कहा कि मतदाता सूची से किसी भी नाम को हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के अनुसार पूरी तरह से सत्यापन के बाद की जाती है और हटाने के लिए केवल एक सूची जमा करने से प्रक्रिया शुरू नहीं होती है।
इस बीच दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी दोपहर 2 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस वार्ता के दौरान सीएम आतिशी रोने लगीं। इससे पहले रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के लोगों को आश्वासन दिया कि अगर भाजपा की सरकार बनी तो कोई भी कल्याणकारी योजना बंद नहीं की जाएगी। उन्होंने उनसे अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी से छुटकारा पाने की भी जोरदार अपील की जिस पर उन्होंने आपदा और शीश महल जैसे तंज के साथ फिर से हमला किया।
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दिल्ली में विधानसभा चुनाव फरवरी 2025 में होने की संभावना है, हालांकि, चुनाव आयोग ने अभी तक तारीखों की घोषणा नहीं की है। दिल्ली में लगातार 15 वर्षों तक सत्ता में रहने वाली कांग्रेस ने पिछले दो विधानसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन किया है और एक भी सीट जीतने में असफल रही है। 2020 के विधानसभा चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीतीं और बीजेपी ने आठ विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी।






