पीएम मोदी, राहुल गांधी (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः संसद के बजट सत्र से मानसून सत्र तक बहुत कुछ घट गया है। 21 जुलाई से 12 अगस्त के बीच संसद के मानसून सत्र भीषण घमासान की संभावनाएं प्रबल हैं। एनडीए और इंडिया गठबंधन संसद सत्र को लेकर रणनीति बनाने में जुटी हुई हैं। कांग्रेस की कोशिश रहेगी कि विपक्षी दलों को साथ लेकर भारत-पाकिस्तान संघर्ष और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सीजफायर करवाने वाले दावे पर सरकार को घेरा जाए। इन सबके अलावा बिहार में चल रहे स्पेशल वोटर लिस्ट रिवीजन पर जुबानी जंग तय मानी जा रही है।
इस मानसून सत्र में विपक्षी दलों के निशाने पर न केवल केंद्र सरकार और पीएम मोदी रहेंगे, बल्कि चुनाव आयोग को भी घेरने की तैयारी है। इन सब के अलावा सियासी गलियारों में चर्चा है कि सरकार वन नेशन वन इलेक्शन बिल को भी लोकसभा में पेश कर सकती है।
सोनिया ने बुलाई अहम बैठक
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने संसद सत्र से पहले पार्टी के बड़े नेताओं की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, पी. चिदंबरम, तारिक अनवर, कुमारी सैलजा, मनीष तिवारी, प्रमोद तिवारी और जयराम रमेश जैसे सीनियर नेता शामिल हुए।
कांग्रेस मानसून सत्र में उठाएगी कई बड़े सवाल
बैठक को लेकर प्रमोद तिवारी ने कहा कि संसद के मानसून सत्र में कांग्रेस सरकार से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जवाब मांगेगी। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार को जवाब देना होगा कि पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकी आज तक क्यों नहीं पकड़े गए। अमेरिकी दबाव में युद्धविराम क्यों किया गया?”
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गरीबी, बेरोजगारी, दलित-स्त्री उत्पीड़न पर भी घेरेगी सरकार
कांग्रेस नेता ने कहा कि संसद सत्र में पार्टी बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याएं, और दलितों व महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध के मुद्दे भी उठाएगी। उन्होंने बताया कि सत्र से पहले INDIA गठबंधन की एक बैठक बुलाई जाएगी जिसमें इन मुद्दों पर साझा रणनीति बनाई जाएगी ताकि सरकार को घेरा जा सके।
इंडिया गठबंधन के नेताओं की होगी बैठक
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने 19 जुलाई को दिल्ली में इंडिया गठबंधन के नेताओं की बैठक बुलाने जा रही है। सदन के भीतर कांग्रेस सभी विपक्षी दलों का साथ चाहती है। इसके साथ इंडिया गठबंधन के नेताओं के साथ उन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जो विपक्षी दल संसद में उठाने वाले हैं।