राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे, फोटो: सोशल मीडिया
नई दिल्ली: राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को संयुक्त रूप से एक लेटर लिखा है। इस लेटर में 21 जुलाई से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र में जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की है।
संसद का आगामी मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 21 अगस्त तक चलेगा। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में खरगे और राहुल गांधी ने पिछले पांच सालों से लोगों के संपूर्ण राज्य के मांग को पूरा करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह मांग जायज होने के साथ संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर आधारित है।
पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा गया है, आपने खुद कई मौकों पर राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है। 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में दिए साक्षात्कार में आपने कहा, ‘राज्य का दर्जा बहाल करना हमारा एक गंभीर वादा है और इस पर हम कायम हैं।’ 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में रैली को संबोधित करते हुए आपने फिर कहा था, ‘हमने संसद में कहा है कि हम इस क्षेत्र का राज्य का दर्जा बहाल करेंगे।’
पत्र में लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए कानून लाए जाने की मांग की है। दोनों नेताओं ने यह भी लिखा, हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए कानून लाएं। यह लद्दाख के लोगों की सांस्कृतिक, विकासात्मक और राजनीतिक आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इसके साथ ही ये उनके अधिकारों, भूमि और पहचान की रक्षा करेगा।
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खरगे और राहुल ने पत्र में यह भी लिखा कि पिछले पांच सालों से जम्मू-कश्मीर के लोगों की ओर से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग हो रही है। ये मांग जायज होने के साथ संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी आधारित है। यह पहली बार है जब किसी पूर्ण राज्य को उसके विभाजन के बाद केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया है।