कोईमेंटा पहाड़ी इलाके से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद (सौजन्य सोशल मीडिया)
Chhattisgarh Naxalite News: छत्तीसगढ़ में 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में सुरक्षाबलों द्वारा लगातार सर्चिंग अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत सुरक्षाबलों को कामयाबी भी हासिल हो रही है। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले सुकमा में सुरक्षाबलों को एक और बड़ी सफलता हासिल हुई है। जिले के मेट्टागुड़ा कैम्प क्षेत्र के अंतर्गत कोईमेंटा पहाड़ी इलाके में सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और लोहे की सामग्री बरामद की।
यह संयुक्त अभियान 23 अगस्त को 203 कोबरा वाहिनी, 241 बस्तर बटालियन (सीआरपीएफ), और स्थानीय जिला बल की संयुक्त टीम द्वारा चलाया गया। नक्सलियों की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों की टीम ग्राम बोटेलंका, ईरापल्ली, कोईमेंटा, दारेली, और आस-पास के जंगल व पहाड़ी इलाकों की ओर रवाना हुई थी।
सर्चिंग अभियान के दौरान कोईमेंटा की पहाड़ियों में नक्सलियों के गुप्त ठिकाने का पता चला। यहां से सुरक्षाबलों ने देसी हथियार, बीजीएल लांचर, विस्फोटक सामग्री आदि बरामद किए। सुरक्षा बलों के अनुसार इन सभी सामानों को नक्सलियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने की मंशा से छिपा रखा था। सुरक्षाबलों ने सभी सामानों को सुरक्षित तरीके से जब्त कर लिया और माओवादियों की साजिश को नाकाम कर दिया। सभी जवान अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद सुरक्षित अपने कैम्प लौट आए।
अभियान का नेतृत्व 203 कोबरा वाहिनी के कमांडेंट पवन कुमार सिंह और डिप्टी कमांडेंट प्रवीण कुमार कर रहे थे। यह पूरी कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश और नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत की गई।
बरामद डंप सामग्रियों में एक देसी रायफल, एक बीजीएल लांचर, एक बीजीएल लांचर बैरल, यूएवी ‘नेत्रा’ का टूटा प्रोपेलर, इलेक्ट्रिक होल्डर वेल्डिंग, एक बैंच वाइस, एक स्टील पाइप, लोहे की छड़, लोहे की बेस प्लेट (लगभग 2 किग्रा), एक पोल एंगलर (लगभग 8 किग्रा), एक आयरन क्लैम्प (लगभग 1 किग्रा), ग्राउंड सपोर्टर (लगभग 2 किग्रा), आयरन क्लैम्प्स (18 इंच), आयरन क्लैम्प्स (12 इंच), आयरन टी-टाइप क्लैम्प्स (12 इंच), काली वर्दी, एम्यूनिशन पोच, टूटी हुई इन्वर्टर बैटरी केसिंग, इलेक्ट्रिक वायर लगभग 20 मीटर, और इलेक्ट्रिकल एक्सटेंशन बोर्ड शामिल हैं।
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बता दें कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय यह स्पष्ट कर चुके हैं कि, 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। तय समय सीमा में नक्सलवाद के खात्मे के लिए सुरक्षाबल लगातार अभियान चला रहे हैं और नक्सलियों के कोर एरिया में भी जवान जाकर सर्चिंग अभियान को अंजाम दे रहे हैं।