छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहा बांग्लादेशी कपल (फोटो- सोशल मीडिया)
रायपुर: छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से रह रहे एक बांग्लादेशी जोड़े की सच्चाई तब सामने आई जब आधार कार्ड की जांच में उनका असली नाम उजागर हो गया। दोनों ने फर्जी नामों से न केवल खुद की पहचान छुपाई हुई थी, बल्कि आधार, पैन और वोटर आईडी जैसे सभी सरकारी दस्तावेज बनवाकर वर्षों से भारत में रह रहे थे। वीजा की अवधि खत्म हो चुकी थी, फिर भी वे देश में छिपकर रह रहे थे। मकान मालिक को संदेह हुआ तो पुलिस को इस बारे में जानकारी दी गई, जिससे इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हो गया।
महिला ने अपना नाम बदलकर ‘ज्योति’ रखा था, जबकि उसका असली नाम शाहीदा खातून था। 2009 में वह अवैध तरीके से बॉर्डर पार कर भारत आई थी। मुंबई में मजदूरी के दौरान उसकी पहचान एक अन्य बांग्लादेशी युवक रासेल शेख से हुई, जिससे वह शादी कर बांग्लादेश लौट गई और फिर भारत वापस आई। दोनों ने छत्तीसगढ़ में फर्जी दस्तावेजों के सहारे रहना शुरू किया था और कई बैंकों में खाता भी खुलवा लिया था।
फर्जी दस्तावेज से बनाई नई पहचान
इस बांग्लादेशी कपल ने भारत में रहने के लिए न सिर्फ अपना नाम बदला, बल्कि भारतीय नागरिक दिखने के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आईडी जैसे पहचान पत्र भी बनवा लिए थे। ये दस्तावेज दिखाकर उन्होंने बैंकों में खाते खुलवाए और एक सामान्य नागरिक की तरह रहना शुरू कर दिया। वीजा समाप्त होने के बावजूद वे आराम से छत्तीसगढ़ में रह रहे थे।
आधार से खुला फर्जीवाड़े का राज
जब मकान मालिक को उनकी गतिविधियों पर शक हुआ तो पुलिस को सूचना दी गई। जांच में पाया गया कि आधार कार्ड में दी गई जानकारी अन्य दस्तावेजों से मेल नहीं खा रही थी। इसके बाद एसटीएफ ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की, जिसमें उन्होंने अपना असली नाम और बांग्लादेशी नागरिक होने की बात स्वीकार की। मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच जारी है। बता दें कि इसकी सूचना पुलिस को जिस मकान में रह रहें थे उनके द्वारा ही संदेह होने पर दी गई थी।