याशनी
नवभारत डेस्क: अक्सर कहा जाता है कि यूपीएससी की तैयारी एक फुल टाइम काम है और आईएएस-आईपीएस बनना है, तो हर दिन 15-16 घंटे पढ़ाई करनी पड़ती है। लेकिन 2019 बैच की महाराष्ट्र कैडर की आईएएस अधिकारी याशनी नागराजन ने यह साबित कर दिया कि टाइम मैनेजमेंट और विषयों का सही चुनाव कर कोई भी अपनी नौकरी करते हुए यूपीएससी की परीक्षा पास कर सकता है।
याशनी ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) में नौकरी करते हुए न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि ऑल इंडिया 59वीं रैंक भी हासिल की। याशनी ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई आंध्र प्रदेश के नाहरलगुन स्थित केंद्रीय विद्यालय से की और इसके बाद 2014 में इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग की पढ़ाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, युपिया से की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में ग्रेड बी अधिकारी के तौर पर चयन हो गया और उन्होंने वहीं पर सेवा की, जब तक वह आईएएस नहीं बन गईं।
नौकरी नहीं छोड़ी, न ही ली छुट्टी
याशनी का चयन यह संदेश देता है कि बेहतर टाइम मैनेजमेंट के बल पर किसी भी व्यक्ति को अपनी वर्तमान नौकरी छोड़े बिना भी सफलता मिल सकती है। रिजर्व बैंक में काम करते हुए ही याशनी ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। जब उन्होंने तैयारी की शुरुआत की, तो कई लोगों ने उन्हें नौकरी छोड़ने की सलाह दी, लेकिन याशनी ने अपने आत्मविश्वास और मेहनत से इसे असंभव से संभव बना दिया।
नौकरी के दौरान, वह ऑफिस से घर लौटने के बाद 4 से 5 घंटे एग्जाम की तैयारी में लगाती थीं, और सरकारी छुट्टियों में वह 12 से 14 घंटे पढ़ाई करती थीं। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें 2019 के यूपीएससी परीक्षा में सफलता दिलाई, जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया 59वीं रैंक हासिल की।
अन्य लोगों को सलाह
याशनी का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी से पहले खुद पर भरोसा होना बहुत जरूरी है। वह बताती हैं कि अक्सर लोग दूसरों की सलाह पर ऐसे विषय चुन लेते हैं, जो उनके लिए सफल होते हैं, लेकिन दूसरों के लिए नहीं। उन्होंने खुद शुरुआती दौर में गलत विषय चुना था और असफलता का सामना किया। लेकिन बाद में अपनी पसंद के विषय पर फोकस किया और सफलता हासिल की। वह कहती हैं कि वैकल्पिक विषयों के अलावा एस्से और एथिक्स पेपर में ज्यादा अंक हासिल करने के लिए अच्छे विकल्प हो सकते हैं। याशनी का यह भी मानना है कि सिविल सेवाओं में करियर बनाने के लिए अभ्यर्थी को यह जानना जरूरी है कि उन्हें क्या पढ़ना है और क्या नहीं।
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याशनी का कहना है कि बेहतर टाइम मैनेजमेंट किसी भी बड़ी चुनौती का सामना करने में मदद करता है। नौकरी करते हुए तैयारी करने से एग्जाम और तैयारी से जुड़ी मानसिक दबाव को कम किया जा सकता है, क्योंकि नौकरी यह विश्वास दिलाती है कि करियर को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, और इससे आप अपने लक्ष्य पर बिना तनाव के फोकस कर सकते हैं।