
जर्मनी (सोर्स- सोशल मीडिया)
Indian Students in Germany Warns About Job: जर्मनी को यूरोप की मजबूत अर्थव्यवस्था माना जाता है, लेकिन वहां नौकरी पाने में भारी दिक्कतें हैं। कई भारतीय छात्र यही सोचकर जर्मनी जा रहे हैं कि डिग्री के बाद जॉब मिलना आसान होगा। सोशल मीडिया पर छात्रों ने जॉब मार्केट की असली स्थिति बताई है, जो चिंताजनक है। विशेषज्ञों के मुताबिक ग्रेजुएशन के तुरंत बाद नौकरी पाने की उम्मीद रखना अब सही नहीं है।
जर्मनी को यूरोप का आर्थिक इंजन कहा जाता है, लेकिन इसके बावजूद यहां नौकरी का संकट गहराता जा रहा है। खासकर आईटी, इंजीनियरिंग और अन्य तकनीकी क्षेत्रों में जॉब पाने के लिए भारी संघर्ष करना पड़ रहा है। भारतीय छात्रों में यह धारणा है कि जर्मनी में डिग्री लेने के बाद उन्हें आसानी से नौकरी मिल जाएगी, लेकिन वास्तविकता इससे काफी अलग है।
अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में जॉब की मुश्किलें बढ़ने के बाद भारतीय छात्र अब यूरोपीय देशों की ओर रुख कर रहे हैं। जर्मनी उनमें सबसे पसंदीदा देश है, क्योंकि वहां पढ़ाई का खर्च भी कम है और वीजा प्रक्रिया भी सरल मानी जाती है। लेकिन अब वहां के जॉब मार्केट की हकीकत सामने आने लगी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म रेडिट पर एक भारतीय छात्र ने पूछा कि क्या जर्मनी में मास्टर्स करने के बाद आईटी सेक्टर में नौकरी मिल सकती है। इसके जवाब में एक यूजर ने साफ लिखा कि हालात बेहद खराब हैं। उनका कहना था कि पढ़ाई के बाद तुरंत नौकरी मिलने की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि जॉब मार्केट में भारी गिरावट है और प्रतिस्पर्धा बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है।

यूजर ने बताया कि जर्मन भाषा जाने बिना नौकरी मिलने की संभावना बेहद कम है। B1-B2 लेवल की जर्मन भाषा अधिकांश नौकरियों के लिए न्यूनतम आवश्यकता बन चुकी है। इसके बिना इंटरव्यू में आगे बढ़ना भी मुश्किल है।
जिस छात्र ने सवाल पूछा था, उसने बताया कि वह 2024 में इंजीनियरिंग पूरी कर चुका है और डेढ़ साल का सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का अनुभव भी रखता है। वह 2026 में जर्मनी जाकर मास्टर्स करना चाहता है, लेकिन जॉब मार्केट की खराब स्थिति ने उसे उलझन में डाल दिया है।

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पोस्ट का जवाब देने वाले यूजर ने चेतावनी दी कि जर्मनी में पढ़ने जरूर आ सकते हैं, लेकिन इस उम्मीद के साथ नहीं कि ग्रेजुएशन के तुरंत बाद नौकरी मिल ही जाएगी। उन्होंने कहा कि जॉब मार्केट में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे और हजारों छात्र एक जैसी प्रोफाइल के साथ नौकरी की तलाश में जुटे हैं। आखिर में उन्होंने कहा, अगर जॉब मिल जाए तो अच्छा है, लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं। यही आज जर्मनी में नौकरी पाने की असली तस्वीर है।






