सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
Business & Employment: ग्लोबल इकोनॉमिक स्लोडाउन के बावजूद, भारतीय जॉब मार्केट 2026 में भी मजबूत बना रहेगा। मंगलवार को आई एओन पीएलसी (Aon PLC) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2026 में भारत में वेतन (सैलरी) में औसतन 9 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जो 2025 में दर्ज की गई 8.9 प्रतिशत की वृद्धि से थोड़ी अधिक है। यह अनुमान भारत की मजबूत घरेलू आर्थिक बुनियाद और आत्मविश्वास को दर्शाता है।
रिपोर्ट के संकलित आँकड़ों के अनुसार देखा जाए तो 2026 में कुछ प्रमुख सेक्टर टैलेंट इन्वेस्टमेंट में सबसे आगे रहेंगे और सबसे अधिक वेतन वृद्धि दर्ज करेंगे-
सेक्टर | अनुमानित वेतन वृद्धि (2026) |
---|---|
रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर | 10.9 प्रतिशत |
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC) | 10 प्रतिशत |
रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर में यह उछाल भारत के बुनियादी ढाँचे में बड़े निवेश के कारण है। इसी तरह, NBFCs भी वित्तीय सेवाओं के विस्तार के चलते आकर्षक वेतन वृद्धि दे सकती हैं।
अन्य प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि का अनुमान
रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर के अलावा भी कई अन्य उद्योग भी 9 प्रतिशत से अधिक या इसके आसपास वेतन वृद्धि देखने के लिए तैयार हैं-
सेक्टर | अनुमानित वेतन वृद्धि (2026) |
---|---|
रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर | 10.9 प्रतिशत |
गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ (NBFC) | 10 प्रतिशत |
इंजीनियरिंग डिजाइन सर्विस | 9.7 प्रतिशत |
ऑटोमोटिव और व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग | 9.6 प्रतिशत |
लाइफ साइंस (Life Science) | 9.6 प्रतिशत |
रिटेल | 9.6 प्रतिशत |
वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) | 9.5 प्रतिशत |
टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और प्रोडक्ट | 9.4 प्रतिशत |
इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग | 9.2 प्रतिशत |
ई-कॉमर्स | 9.2 प्रतिशत |
फ़ास्ट-मूविंग कंज्यूमर गुड्स (FMCG) | 9.1 प्रतिशत |
केमिकल्स | 8.8 प्रतिशत |
बैंकिंग | 8.6 प्रतिशत |
टेक्नोलॉजी कंसल्टिंग और सर्विसेज | 6.8 प्रतिशत |
एओन के पार्टनर और रिवॉर्ड कंसल्टिंग लीडर रूपांक चौधरी ने कहा कि “रियल एस्टेट और एनबीएफसी जैसे प्रमुख क्षेत्र टैलेंट इन्वेस्टमेंट में अग्रणी हैं।” उन्होंने बताया कि भारत की मजबूत घरेलू खपत, इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश और सहायक नीतिगत उपाय व्यवसायों को विकास और स्थिरता बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। कंपनियाँ वैश्विक अनिश्चितता के बीच भी सस्टेनेबल ग्रोथ और वर्कफोर्स स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए पारिश्रमिक के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपना रही हैं।
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कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर (Attrition Rate) में गिरावट आई है। यह दर 2024 में 17.7 प्रतिशत और 2023 में 18.7 प्रतिशत थी, जो धीरे-धीरे कम होकर 2025 में 17.1 प्रतिशत हो गई है। यह एक अधिक स्थिर टैलेंट लैंडस्केप की ओर इशारा करता है, जहाँ कंपनियाँ कर्मचारियों को बनाए रखने और भविष्य के लिए एक मजबूत वर्कफोर्स बनाने के लिए अपस्किलिंग और डेवलपमेंट प्रोग्राम में निवेश कर रही हैं।