Vodafone Idea (सौ. Site)
नई दिल्ली : टेलीकॉम सेक्टर की बड़ी कंपनियों में से एक वोडाफोन आइडिया इस समय मुसीबतों से घिरी हुई नजर आ रही है। भारी वित्तीय संकट का सामना करने वाली टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनी वोडाफोन आइडिया ने केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगायी है। टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के सामने इस समय बड़ी समस्या एजीआर यानी एडजस्टेड ग्रोस रेवेन्यू और बकाए स्पेक्ट्रम भुगतान की है।
टेलीकॉम सेक्रेटरी नीरज मित्तल को वोडाफोन आइडिया की तरफ से 11 मार्च को एक लेटर लिखा गया, जिसमें अपने बकाए का बड़ा हिस्सा इक्विटी में बदलने की डिमांड की गई है। एनडीटीवी प्रॉफिट की रिपोर्ट के अनुसार, टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के इस प्रपोजल को अगर सरकार की तरफ से माना जाता है तो सरकार की इसमें हिस्सेदारी बढ़कर 49 प्रतिशत हो जाएगी तो वर्तमान में 22.6 प्रतिशत है।
दरअसल, सरकार से वोडाफोन आइडिया ने 36 हजार 950 करोड़ रुपये के एजीआर और स्पेक्ट्रम बकाए के तौर पर राहत की डिमांड की है, जिसमें से 13 हजार 89 करोड़ रुपये अगले कुछ हफ्ते में कंपनी के देना है। लेकिन उसके लिए कंपनी के पास पैसे नहीं है। यही कारण है कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर की ओर से 2021 टेलीकॉम रिलीफ पैकेज के तौर पर मदद चाह रही है।
अगर सरकार की ओर से वोडाफोन आइडिया की ये डिमांड मानी जाती है तो टेलीकॉम कंपनी को करीब 52 हजार करोड़ रुपये की राहत मिल सकती है। हालांकि, ऐसी खबर हाल में आयी थी कि सरकार इन टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाए में किसी भी तरीके के छूट देने के मूड में नहीं है।
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वोडाफोन आइडिया की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पिछले साल यानी 2025 में एक क्यूरेटिव पेटिशन दायर कर एजीआर की गणना में गैर कोर राजस्व को शामिल करने पर विरोध जताया गया था। लेकिन, कोर्ट की तरफ से याचिका को खारिज कर बड़ा झटका कंपनी को दिया गया था।