पीयूष गोयल, (फाइल फोटो)
Piyush Goyal Meeting On India-US Tariff Row: भारत और अमेरिका के बीच जारी टैरिफ विवाद को लेकर आज बुधवार, दोपहर 3:30 बजे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भारतीय निर्यातकों के साथ एक बैठक करेंगे। भारत-अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ तनाव के बीच उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव बढ़ रहा है और सरकार भारतीय निर्यातकों पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने और संभावित समाधानों पर विचार करने पर विचार कर रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में आयोजित SCO सम्मलेन में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी किए। इन तीनों नेताओं की मुलाकात ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप लगातार अपनै टैरिफ बम से ग्लोबल ट्रेड को प्रभावित कर रहे हैं।
चीन की जमीन से पीएम मोदी ने अमेरिका को साफ संदेश दिया है की भारत किसी के दवाब में आकर कोई फैसला नहीं लेगा। वहीं, चीन और रूस ने भी अमेरिकी टैरिफ को अनुचित मानते हुए भारत को हर तरफ से सहयोग करने का आश्वासन भी दिया। वैश्विक राजनीतिक में अहम भूमिका में रहने वाले चीन, रूस और भारत को एक साथ देखकर ट्रंप और बौखला गए हैं। हाल ही में उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि भारत दुनिया में सबसे ज्यादा टैरिफ अमेरिका पर लगाता है। भारत और अमेरिका का व्यापार एकतरफा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कभी भारत को अपना दोस्त कहा करते थे। हालांकि, दूसरी बार अमेरिकी की सत्ता में लौटने के बाद उन्होंने कई अजीबो-गरीब फैसले लिए। इसी के तहत उन्होंने भारत पर 25 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ के बाद 27 अगस्त से अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लागू कर चुके हैं। अमरेकी प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि रूस से तेल खरीदने पर भारत के ऊपर पैनल्टी के रूप में 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है।
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अमेरिकी की टैरिफ नीति को जवाब देने के लिए भारत कई अलग-अलग विकल्पों पर काम कर रहा है। हाल ही में वित्त मंत्रालय की ओर से हुई एक बैठक में दुनिया के कुछ ऐसे देशों के नाम चर्चा हुई है, जो कि अमेरिकी बाजार के विकल्प के रूप में चिह्नित किया गया है। भारत लगातार कोशिश कर रहा है कि देश के निर्यातकों को अमेरिकी टैरिफ से होने वाले नकुसाना को कम किया जा सके।