प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: बाजार नियामक सेबी म्यूचुअल फंड ( Mutual Fund) के नियमों बड़ा बदलाव करने की तैयारी में है। म्यूचुअल फंड को इन्वेस्टर्स सेंट्रिक और इंडस्ट्री के लिए आसान बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। सेबी के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने यह भी बताया कि हम म्यूचुअल फंड के सभी नियम और स्ट्रक्चर को बारिकी से देख रहे हैं ताकि सभी निवेशकों को ट्रेड करना आसान रहे।
स्टेकहोल्डर्स का कहना है कि मौजूदा नियम काफी लंबा और पुराना है। इसके साथ ही इंवेस्टर्स की उभरती जरूरतों और इंडस्ट्री के इनोवेशन के साथ संतुलित बनाए रखने के लिए उन्हें आसान बनाने की आवश्यकता है। मनोज कुमार ने बिना समयसीमा बताते हुए कहा कि प्रोसेस शुरू हो चुका है। हम जल्द ही फीडबैक और कंसलटेशन के लिए मसौदा नियम जारी करेंगे।
सेबी के कार्यकारी निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि भारत का म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री एयूम (AUM) में 72 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। वहीं, मासिक एसआईपी योगदान 28,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। फिर भी 140 करोड़ की आबादी में निवेशक आधार सिर्फ पांच करोड़ तक सीमित है।
सिस्टमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (SIP) म्यूचुअल फंड ने निवेश करने का एक तरीका है। इसमें आप म्यूचुअल फंड में एक निश्चित अमाउंट नियमित अंतराल पर निवेश करते हैं, जैसे कि साप्ताहित, मासिक या त्रैमासिक।
एसआईपी एक आवर्ती निवेश (Reccuring Investment) की तरह काम करता है, जहां राशि आपके बैंक खाते से ऑटोमेटिक डेबिट हो जाती है और आपकी पसंद के म्यूचुअल फंड में निवेश कर दी जाती है। एक बार राशि जमा हो जाने के बाद, आपको उस म्यूचुअल फंड स्कीम की एक निश्चित संख्या में यूनिट मिलती हैं, जहां आपने निवेश किया है। आपके द्वारा निवेश की गई यूनिट की संख्या उस विशेष दिन के लिए उस विशेष स्कीम के नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) पर निर्भर करती है।