पंजाब नेशनल बैंक, (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 183.21 करोड़ रुपये की फर्जी बैंक गारंटी से जुड़े एक वित्तीय धोखाधड़ी मामले में पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने यह बड़ा एक्शन इंदौर की एक कंपनी और मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) से जुड़े घोटाले के सिलसिल में लिया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो के अनुसार, इंदौर की एक कंपनी ने साल 2022 में कथित तौर पर पंजाब नेशनल बैंक द्वारा जारी आठ फर्जी बैंक गारंटी के जरिए मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड से सिंचाई से जुड़े तीन कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए थे। इन तीनों कॉन्ट्रैक्ट के कीमत लगभग 974 लाख रुपये है।
इस प्रोजेक्ट को सिक्योर करने के लिए कंपनी ने कुल 183.21 करोड़ रुपये की आठ फर्जी बैंक गारंटी जमा की। वेरिफिकेशन प्रॉसेस के दौरान मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड को पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारिक डोमेन से गारंटी की कन्फर्मेशन से रिलेटेड ईमेल मिले, इस आधार पर MPJNL ने इस कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट्स की मंजूरी दे दी। हालांकि, बाद में ये पूरी तरह से फर्जी निकला।
इतने बड़े पैमाने पर हुई धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्देशों पर सीबीआई ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस मामले को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो ने 19 और 20 जून को नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश समेत पांच राज्यों के 23 जगहों पर सर्च अभियान चलाया। इस छापेमारी के दौरान कोलकात से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें पीएनबी के सीनियर मैनेजर भी शामिल है। गिरफ्तारी के बाद दोनों को पहले कोलकाता के एक स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया और अब ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया जा रहा है।
शुरुआती जांच में मिली जानकारी के अनुसार, इस पूरे मामले में कोलकाता के एक गिरोह का हाथ है, जो कई दूसरे राज्यों में भी सरकारी ठेका हासिल करने के लिए फर्जी बैंक गारंटी बनाने और इसके डिस्ट्रीब्यूट करने में लगा हुआ है। मामले की जांच अभी जारी है।