डीए हाईक (सौ . सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : इस साल भारतीय कर्मचारियों को लेकर कुछ आंकड़े सामने आए है। एक एचआर कंसल्टेंसी के एक सर्वे के अनुसार, भारतीय कर्मचारियों को अलग-अलग इंडस्ट्री में एवरेज 9.4 प्रतिशत तक की सैलरी बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। इस सर्वे में पिछले 5 सालों में कर्मचारियों के सैलरी में लगातार बढ़त हो रही है। साल 2020 में सैलरी बढ़ोतरी 8 प्रतिशत हुआ करती थी। सर्वे में भारत के विभिन्न सेक्टरों की 1,550 से ज्यादा कंपनियों ने हिस्सा लिया है।
इस सर्वे में टेक्नोलॉजी, ऑटोमोटिव, इंजीनियरिंग, कंज्यूमर गुड्स, फाइनेंशियल सर्विसेज और मैन्यूफैक्चरिंग जैसे अहम सेक्टर शामिल हैं। ऑटोमेटिव सेक्टर में इस साल कर्मचारियों के सैलरी में 10 प्रतिशत तक बढ़ोतरी होने की उम्मीद की जा रही है, जबकि पिछले साल ये आंकड़ा 8.8 प्रतिशत था। इसका कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बढ़ती डिमांड को बताया जा रहा है। इसे सरकार की मेक इन इंडिया पहल का हिस्सा है, जिसके कारण इस कैटेगरी को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इंजीनियरिंग और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सैलरी हाईक 8 प्रतिशत से बढ़कर 9.7 प्रतिशत तक होने की उम्मीद की जा रही है। ये दर्शाता है कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में तेजी से सुधार हो रहा है। मर्सर की इंडिया करियर लीडर मानसी सिंघल ने कहा है कि भारत में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सिट्यूएशन बदल रही हैं। सैलरी में ये हाईक न केवल इकोनॉमिक कंडीशन का संकेत है, बल्कि वर्कफोर्स के नए रूप को भी दर्शाता है।
इंडिया करियर लीडर मानसी सिंघल ने कहा है कि 75 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियां अब परफॉर्मेंस के आधार पर सैलरी स्ट्रक्चर तैयार कर रही है। जिसका सीधा मतलब है कि अब कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के प्रदर्शन के आधार पर उनकी सैलरी बढ़ेगी। कंपनियां अब शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों में परफॉर्मेंस को महत्व दे रही हैं। जिसके कारण बड़े बदलाव आ रहे हैं। साथ ही ये भी संकेत मिल रहा है कि भविष्य में कंपनियों के लिए कर्मचारियों को बेहतर तरीके से प्रोत्साहित करना और उनकी मेहनत के अनुसार सैलरी देना काफी जरूरी है। ये सैलरी हाईक भारतीय इंडस्ट्री में बदलाव का बड़ा संकेत हैं।