आरबीआई (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : अक्सर जब भी लोग एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो ऐसा ज्यादातर होता है कि मशीन में से सिर्फ 500 रुपये के ही नोट निकलते हैं। इन 500 के नोटों को 100-200 में बदलने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं। लेकिन अब लोगों की मुश्किलों को कम करने के लिए देश के केंद्रीय बैंक यानी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सोमवार को बैंकों से ये सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि एटीएम से 100 रुपये और 200 रुपये के नोट भी एटीएम पर उपलब्ध हो।
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने कहा कि जनता को 100 और 200 की नोटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए ऐसा करना जरूरी है। बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम परिचालकों यानी डब्ल्यूएलएओ को इस निर्देश को फेज के साथ से लागू करना होगा। गैर-बैंकिंग संस्थाओं ने संचालित एटीएम को ‘व्हाइट लेबल एटीएम’ यानी डब्ल्यूएलए कहा जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने एक सर्कुलर में कहा है कि अक्सर उपयोग किए जाने वाले मूल्यवर्ग के बैंक नोट तक जनता की पहुंच बढ़ाने के लिए यह फैसला किया गया है कि सभी बैंक और व्हाइट लेबल एटीएम परिचालक यानी डब्ल्यूएलएओ यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके एटीएम से नियमित आधार पर 100 रुपए और 200 रुपए के नोट भी निकलें।
सर्कुलर के अनुसार, 30 सितंबर, 2025 तक 75 फीसदी एटीएम यानी ऑटोमेटेड टेलर मशीन में कम से कम एक कैसेट से 100 रुपए या 200 रुपए मूल्यवर्ग के बैंक नोट निकलने चाहिए। इसके बाद 31 मार्च, 2026 तक 90 प्रतिशत एटीएम में कम से कम एक कैसेट से 100 रुपये या 200 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोट निकलने चाहिए।
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आरबीआई की ओर से बैंकों को एटीएम में ज्यादा से ज्यादा 100 और 200 रुपए के नोटों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कहा गया है। यह आदेश बैंकों और व्हाइट लेबल एटीएम ऑपरेटर यानी डब्ल्यूएलएओ दोनों को सिस्टेमेटिक तरीके से लागू करना होगा। इस आदेश के बाद देश के बैंकों और ऑफिसर्स में हड़कंप मचा हुआ है। इस ऑर्डर के बाद बैंकों को 100 और 200 रुपये के नोटों को लेकर एटीएम में ज्यादा मेहनत करनी होगी।