(प्रतीकात्मक तस्वीर)
PM Kisan Fasal Bima Yojana Last Date: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को लेकर एक महत्वपूर्ण जानकारी आई है। दरअसल, केंद्र सरकार ने देश के किसानों की मदद के लिए इस योजना की शुरुआत की है। अगर बारिश, तूफान, सूखा या कीड़ों की वजह से किसी किसान की फसल खराब हो जाती है, तो इस योजना के तहत वह सरकार से मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का उद्देश्य यही है कि अगर किसी प्राकृतिक घटना के कारण फसल बर्बाद होता है, तो किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। खरीफ की फसलों के लिए इस योजना में शामिल होने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2025 है। किसान आखिरी तारीख से पहले अपना आवेदन कर लें तो उन्हें नुकसान होने पर मदद मिल सकती है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को बहुत ही कम प्रीमियम देना होता है। जैसे खरीफ की फसल के लिए 2 प्रतिशत, रबी के 1.5 प्रतिशत और जो किसान बागवानी या व्यापारिक फसलें उगाते हैं, उनके लिए 5 प्रतिशत। बाकी का सारा खर्च सरकार द्वारा कवर किया जाता है। जिन किसानों ने बैंक से खेती के लिए लोन लिया है, उन्हें इस योजना में ऑटोमैटिक शामिल कर दिया जाता है। लेकिन जो किसान लोन नहीं लेते, उन्हें इस योजना में खुद रजिस्टर करना होता है।
इस बार धान, मूंग, बाजरा, सोयाबीन, उड़द, मूंगफली, अरहर, ज्वार और तिल के फसलों पर बीमा मिलेगी। इन फसलों की खेती करने वाले किसान इस योजना के लिए रिजस्टर करा सकते हैं। आवेदन करने के लिए किसान को https://pmfby.gov.in/ वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भरना होगा। इसमें आधार नंबर, बैंक खाता, जमीन की जानकारी और बोई गई फसल की जानकारी देनी होती है। इसके साथ ही कुछ डॉक्यूमेंट जैसे की बैंक पासबुक, आधार कार्ड, जमीन के कागजात और फसल की जानकारी अपलोड करने होते हैं।
उत्तर प्रदेश के किसान भाइयों और बहनों, खरीफ 2025 सीजन के लिए #PMFBY के तहत इस बार धान, मक्का, बाजरा, अरहर, ज्वार, उड़द, तिल, मूंग, सोयाबीन और मूंगफली बीमा कवरेज में शामिल हैं। पंजीकरण की आखिरी तारीख है 31 जुलाई 2025। समय रहते आवेदन कीजिए और अपनी मेहनत की फसल को अनिश्चित जोखिमों… https://t.co/n7uqBD4wcl pic.twitter.com/uvkidkfK63 — Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana (@pmfby) July 20, 2025
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अगर किसान की फसल किसी वजह से खराब हो जाती है, तो उसे 72 घंटे के अंदर इसकी जानकारी सरकार को देनी होती है। यह जानकारी किसान मोबाइल ऐप, वेबसाइट, कॉल सेंटर (14447) या नज़दीकी जनसेवा केंद्र (CSC) से दे सकते हैं। फसल खराब होने की जानकारी मिलने के बाद सरकार की टीम खेत का सर्वे करती है और रिपोर्ट बनाती है। इसके बाद किसान के खाते में सीधा पैसा ट्रांसफर किया जाता है। अगर आप किसान हैं और खेती में नुकसान से बचना चाहते हैं, तो इस योजना में जरूर जुड़ें।