गोल्ड इंपोर्ट (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने हाल ही में पहली छमाही के सोने के आयात के आंकड़े पेश किए हैं। इन आंकड़ों के आधार पर पता चला है कि देश में सोने की मजबूत घरेलू डिमांड के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही यानी अप्रैल से सितंबर के महीने में 21.78 प्रतिशत बढ़कर 27 अरब डॉलर हो गया है।
सोना आयात देश के चालू खाता घाटे यानी कैड पर असर डालता है। पिछले फाइनेंशियल ईयर की समान छमाही में गोल्ड इंपोर्ट 22.25 अरब डॉलर का था। एक विशेषज्ञ ने कहा है कि मौजूदा फेस्टिव डिमांड इंपोर्ट ग्रोथ में मदद कर रही है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का सोने का इंपोर्ट 30 प्रतिशत से बढ़कर 45.54 अरब डॉलर रहा था।
भारत के लिए स्विट्जरलैंड सोने का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात यूएई जो 16 प्रतिशत से ज्यादा और दक्षिण अफ्रीका यानी लगभग 10 प्रतिशत का स्थान है। देश के कुल इंपोर्ट में सोने की हिस्सेदारी लगभग 5 प्रतिशत है।
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सोने के आयात में उछाल ने देश के व्यापार घाटे यानी आयात और निर्यात के बीच का अंतर को चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान 137.44 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया है, जबकि अप्रैल से सितंबर, 2023 के दौरान यह 119.24 अरब डॉलर था। चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सोने का कंस्यूमर है। इंपोर्ट मुख्य रूप से ज्वेलरी इंडस्ट्री की डिमांड को पूरा करता है।
देश का चालू खाते का घाटा अप्रैल से जून, 2024 में मामूली बढ़कर 9.7 अरब डॉलर या सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का 1.1 प्रतिशत हो गया, जो पिछले साल इसी समय में 8.9 अरब डॉलर या जीडीपी का 1 प्रतिशत था।
चालू खाते घाटा तब होता है जब किसी देश द्वारा किसी विशेष अवधि में आयातित वस्तुओं और सेवाओं तथा अन्य भुगतानों का मूल्य, निर्यातित वस्तुओं और सेवाओं तथा अन्य प्राप्तियों के मूल्य से अधिक हो जाता है। आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान चांदी का आयात 376.41 प्रतिशत बढ़कर 2.3 अरब डॉलर हो गया, जो अप्रैल-सितंबर 2023-24 में 48.06 करोड़ डॉलर था। बजट में सरकार ने सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया था।