सोने की खरीद (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारत में धनतेरस के साथ साल के सबसे बड़े त्योहार का आगाज हो चुका है। इस फेस्टिव सीजन करीब 60 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस होने की उम्मीद की जा रही है और दिवाली तक इस आंकड़े के 1 लाख करोड़ रुपये पार करने की उम्मीद है। धनतेरस के शुभ अवसर पर सोने, चांदी के अलावा पीतल के बने बर्तनों की जमकर बिक्री हुई है। एक रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, इस दिन केवल सोने की सेल्स से ही व्यापारियों ने कुल 20,000 करोड़ की कमाई की है।
भारत के कुछ व्यापारी वर्ग को ये आशा थी कि इस फेस्टिव सीजन के पहले से ही सेल्स बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा था, जिसके लिए इन कारोबारियों ने जोरों शोरों से तैयारी भी की थी। एक रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि चीन में बने सामानों की डिमांड घटने के कारण चीनी इकोनॉमी को कुल 1.25 ट्रिलियन रुपये तक का नुकसान होने की आशंका है।
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के अनुसार, धनतेरस पर कुल 60 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस होने की आशंका जतायी है। कैट के महासचिव और सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल ट्रेंड का आव्हान करने के बाद भारतीय प्रोडक्ट्स की डिमांड में तेजी आयी है। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया है कि वोकल फॉर लोकल पहल के कारण चाइनीज प्रोडक्ट्स की सेल्स भी घटी है, इससे चीन को करीब 1.25 ट्रिलियन रुपये का नुकसान होने की उम्मीद है।
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कैट के पंकज अरोड़ा ने बताया है कि मंगलवार को धनतेरस के उपलक्ष्य में लोगों ने जमकर सोने और चांदी की खरीदारी की है। इस दिन करीब 20 हजार करोड़ रुपये की सोने की सेल्स और करीब 2,500 करोड़ रुपये की चांदी की खरीदारी की गई है। इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि इस दिन देशभर में कुल 25 टन सोना और 250 टन चांदी की सेल्स हुई है। इसके अलावा पुराने चांदी के सिक्कों की भी डिमांड बढ़ी हुई है।
कैट ने भी देश की जनता से स्थानीय महिलाओं, कुम्हारों और शिल्पकारों की सेल्स बढ़ाने का आव्हान किया है ताकि वे भी अपनी दिवाली मना सके। एक जानकारी के अनुसार पता चला है कि प्रवीण खंडेलवाल छोटी दिवाली यानी 30 अक्टूबर के दिन स्थानीय व्यापारियों के साथ मिलकर चांदनी चौक में खरीदारी की योजना बना रहे हैं।