डिफेंस एक्सपोर्ट (सौ. सोशल मीडिया )
नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सशस्त्र बल का नाम भी सुनकर पाकिस्तान की रातों की नींद उड़ जाती है। भारत ने दुश्मन देश के खिलाफ जो एक्शन लिया है, उसने पाकिस्तान के घमंड को चकनाचूर कर दिया था, जिसे वो कभी भूल नहीं पाएगा। परमाणु बम की धौंस दिखाने वाले देश के अंदर घुसकर भारतीय सेना ने वहां मौजूद 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया था।
हालांकि भारत इतने में ही नहीं रूकने वाला है, अबकी बार पाक पर ऐसा वार किया है जिसकी मिर्ची चीन तक लग सकती है। सेना के इस शौर्य के बीच में इंडियन डिफेंस एक्सपोर्ट सेक्टर से भी भारत के लिए अच्छी खबर आ रही है। भारत आज दुनिया के 80 देशों में डिफेंस इक्विप्मेंट का एक्सपोर्ट करता है और पिछले 10 सालों में ये 34 गुना बढ़ा है।
जहां साल 2013-14 में भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट 686 करोड़ रुपये हुआ करता था, वहीं ये अब बढ़कर 23,622 करोड़ का हो चुका है। डिफेंस सेक्टर में भारत का ये एक्सपोर्ट उसके दबदबे को दिखाता है।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान प्राइवेट सेक्टर का डिफेंस एक्सपोर्ट 15,233 करोड़ रुपये का रहा है, जबकि डिफेंस पब्लिस सेक्टर अंडरटेगिंग्स ने रिकॉर्ड 8,389 करोड़ रुपये के हथियारों को एक्सपोर्ट किया है। केवल डिफेंस पब्लिस सेक्टर अंडरटेगिंग्स में ही एक्सपोर्ट में तकरीबन 42.85 प्रतिशत की बढ़त हुई है, जो दुनिया में भारतीय हथियारों की बढ़ती डिमांड को दिखाता है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत सरकार लगातार डिफेंस सेक्टर में स्वदेशी हथियारों के प्रोडक्शन पर जोर दे रही है। भारत का टारगेट साल 2029 तक डिफेंस एक्सपोर्ट 50,000 करोड़ रुपये तक करने का है। जिन हथियारों को भारत एक्सपोर्ट करता है, वो आकाश, ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, पिनाका रॉकेट हैं। साथ ही के9 वज्र, बीओटी, डोर्नियर 228 फाइटर जेट और लाइटवेट फाइटर जेट तेजस को भी दुनिया ने बहुत पसंद किया है।