नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने विमान परिचालन की सुरक्षा के बारे में अपने विचार व्यक्त किए है। सोमवार को नागर विमानन मंत्री ने विमानन मनोविज्ञान क्षेत्र के साथ-साथ तनाव तथा थकान से निपटने के लिए मजबूत प्रणालियों की जरूरत होने की बात कही है। साथ ही उन्होंने इस बात के बारे में भी कहा है कि इस सेक्टर की निरंतर सुरक्षा सुनिश्चित करना भी हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है, क्योंकि मानवीय कारकों के कारण भी विमान दुर्घटनाएं होने के जिम्मेदार होते है।
मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो यानी एएआईबी द्वारा विमान दुर्घटनाओं में मानवीय कारक पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में यह टिप्पणी की। नायडू ने कहा कि सुरक्षा उपायों को भारतीय विमानन क्षेत्र की तीव्र वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखना होगा। उन्होंने लोगों को निरंतर कौशल प्रदान करने तथा उनका कौशल बढ़ाने का आह्वान किया। उन्होंने पायलट सहित अन्य के लिए तनाव तथा थकान से निपटने के लिए मजबूत कार्यक्रमों की भी वकालत की।
नायडू ने कहा कि विमानन मनोविज्ञान के लिए औपचारिक कार्यक्रमों का अभाव है। उन्नत मनोवैज्ञानिक पहलुओं को प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल किए जाने की आवश्यकता है। भारत विश्व में सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है। देश की कई एयरलाइन ने 1,200 से अधिक विमानों का ठेका दिया है। नायडू ने विमान रखरखाव क्षेत्र में कर्मियों के लिए प्रौद्योगिकी तथा संज्ञानात्मक कौशल की आवश्यकता पर भी जोर दिया क्योंकि भविष्य में और अधिक विमान देश में आएंगे।
विमानन मनोविज्ञान , जिसे एयरोस्पेस मनोविज्ञान के रूप में भी जाना जाता है , मनोविज्ञान की एक शाखा है जो विमानन के मनोवैज्ञानिक पहलुओं का अध्ययन करती है, दक्षता बढ़ाती है, व्यवसायों के लिए आवेदकों का चयन सुधारती है, विमान दुर्घटनाओं के मनोवैज्ञानिक कारणों की पहचान करती है और विमानन में मानव व्यवहार, क्रियाएं, संज्ञानात्मक और भावनात्मक प्रक्रियाओं और कर्मचारियों के बीच बातचीत को समझने के लिए संज्ञानात्मक मनोविज्ञान का अनुप्रयोग करती है। विमानन मनोविज्ञान की उत्पत्ति 1920 के दशक की शुरुआत में यूएसएसआर में विमानन चिकित्सा और कार्य मनोविज्ञान के विकास के साथ हुई थी। पृथ्वी से मानव अलगाव स्थानिक अभिविन्यास में भारी बदलाव की ओर ले जाता है ; त्वरण, बैरोमीटर के दबाव में गिरावट, वायुमंडलीय संरचना में परिवर्तन , तंत्रिका तंत्र पर काफी प्रभाव डाल सकते हैं, और इसके लिए निर्बाध एकाग्रता और तेजी से निर्णय लेने की आवश्यकता होती है। वर्तमान में, विमानन मनोविज्ञान में अनुसंधान इंजीनियरिंग मनोविज्ञान के ढांचे के भीतर विकसित होता है ।
(एजेंसी इनपुट के साथ)