धारावी झुग्गी (सौ. सोशल मीडिया )
मुंबई : अडानी ग्रुप ने आज एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। आपको बता दें कि मुंबई में धारावी झुग्गी पुनर्विकास परियोजना से जुड़े अडानी ग्रुप ने अब मोतीलाल नगर के पुनर्विकास का भी जिम्मा लिया है। इस प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए अडानी ग्रुप ने 36,000 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली भी लगायी है।
कुछ सूत्रों ने मंगलवार को ये जानकारी दी है कि मोतीलाल नगर 1,2 और 3 मुंबई की सबसे बड़ी सबसे बड़ी आवास पुनर्विकास परियोजनाओं में से एक है। ये उपनगरीय इलाके गोरेगांव पश्चिम में 143 एकड़ में फैला हुआ क्षेत्र हैं। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे ज्यादा बोली लगाने वाली कंपनी के तौर पर उभरी है। इसने अपने सबसे करीबी कॉम्पीटिटर एलएंडटी के मुकाबले ज्यादा कंस्ट्रक्टेड क्षेत्र की पेशकश भी की है।
इस प्रोजेक्ट के लिए अडानी ग्रुप को आवंटन पत्र यानी एलओए निर्धारित समय में जारी किया जाने वाला है। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस घटनाक्रम पर कोई भी रिएक्शन नहीं दिया है। अडानी ग्रुप पहले से ही एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्तियों में शामिल धारावी का रीडेवलपमेंट कर रहा है। धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड जिसका नाम बदलकर अब नवभारत मेगा डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड कर दिया है, उसमें अडानी ग्रुप की 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बाकी हिस्सेदारी राज्य सरकार की है।
मुंबई हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते ही महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास प्राधिकरण यानी म्हाडा को किसी निर्माण एवं विकास एजेंसी यानी सीएंडडीए के माध्यम से मोतीलाल नगर का रीडेवलपमेंट करने की परमिशन दी थी। राज्य सरकार ने इसे एक स्पेशल प्रोजेक्ट के तौर पर घोषित किया है। म्हाडा का इस पर कंट्रोल बना हुआ है, लेकिन उसने काम पूरा करने के लिए जरूरी क्षमता ना होने पर सीएंडडीए के माध्यम से काम कराने का फैसला किया है। अडानी ग्रुप मोतीलाल नगर को मॉर्डन फ्लैट वाले इलाके में बदलने की कोशिश करेगा। मोतीलाल नगर के रीडेवलपमेंट की टोटल एस्टिमेटेड कॉस्ट लगभग 36,000 करोड़ रुपये है और पुनर्वास का समय प्रोजेक्ट की शुरूआत या आखिरी तारीख से 7 साल है।
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मोतीलाल नगर रीडेवलपमेंट के लिए निविदा शर्तों के अंतर्गत सीएंडडीए को 3.83 लाख वर्ग मीटर का आवासीय क्षेत्र सौंपने का प्रावधान है। हालांकि अडानी ग्रुप की कंपनी ने म्हाडा को 3.97 लाख वर्ग क्षेत्र सौंपने पर सहमति जताते हुए बोली जीती है।