नीतीश कुमार, फोटो - सोशल मीडिया
पटना : बिहार चुनाव 2025 से पहले सीएम नीतीश कुमार ने एक बड़ा दांव चल दिया है। बिहार में मबज कुछ महीनों के अंदर विधानसभा चुनाव होना है। इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सुशासन बाबू ने अगड़ी जातियों के लिए बड़ा ऐलान किया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अगड़ी जातियों के विकास के लिए राज्य में एक आयोग बनाने की घोषणा कर दी है। बता दें, इस आयोग को ‘उच्च जाति आयोग’ का नाम दिया गया है। वहीं भाजपा नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि जनता दल यूनाइटेड के मुख्य प्रवक्ता राजीव रंजन को इस आयोग का उपाध्यक्ष बनाया गया है।
बिहार में अगड़ी जातियों के लिए बनाए गए इस आयोग का कार्यकाल 3 साल का हेने वाला है। इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में इसका क्या असर पड़ेगा, यह तो चुनाव के नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा। ध्यान देने वाली बात यह है कि बिहार में पहले से ही सवर्ण आयोग हुआ करता था। ऐसे में अब सीएम नीतीश कुमार ने इसका पुनर्गठन करने का ऐलान किया है।
आपको जासनकारी के लिए बताते चलें कि कल ही सीएम नीतीश ने अल्पसंख्यक आयोग का पुनर्गठन किया था। अल्पसंख्यक आयोग के पुनर्गठन के बाद गुलाम रसूल बल्यावी को इसका अध्यक्ष बनाया गया था। बता दें, गुलाम बल्यावी जदयू के पूर्व राज्यसभा सांसद हैं।
बिहार में 243 सीटों के लिए विधानसभा चुनाव होना है। भारत-पाकिस्तान तनाव खत्म होने के बाद से बिहार का सियासी पारा तेजी से चढ़ने लगा है। सारे दल अपनी-अपनी चुनावी वादों के साथ बिहार में चुनावी जनसभाएं कर रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी भी दो दिवसीय बिहार दौरे पर पहुंचे हैं। पीएम मोदी बीते दिन 29 मई की शाम बिहार पहुंचकर पटना में एक रोड शो का आयोजन किए।
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पटना में पीएम मोदी के रोड शो को लेकर जन सुराज के मुखिया प्रशांत किशोर ने जमकर हमला बोला था। जन सुराज के प्रमुख प्रशांत किशोर ने कहा था कि चुनाव बिहार का होना है। भारत पाकिस्तान का नहीं। बात बिहार की करनी चाहिए, पाकिस्तान की नहीं। पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा था कि आप संसद में भारत पाकिस्तान की बात करिए। बिहार आकर बिहार की बात करिए। बिहार की युवाओं को रोजगार देने की बात करिए।