
बिहार विधानसभा चुनाव 2025, (कॉन्सेप्ट फोटो)
Patna Sahib Assembly Constituency: बिहार की राजधानी पटना से सटी पटना साहिब विधानसभा सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक ऐसा अभेद्य किला है, जिसे भेदने में विरोधी दल पिछले कई दशकों से नाकाम रहे हैं। यह पूरी तरह से एक शहरी निर्वाचन क्षेत्र है, जो सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मभूमि के रूप में विश्वभर में अपनी पहचान रखता है। यहां की राजनीति और विकास भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव के नाम के बिना अधूरी है, जिन्होंने इस सीट पर लगातार सात बार जीत दर्ज कर एक नया राजनीतिक इतिहास रचा है।
नंद किशोर यादव की राजनीतिक यात्रा ‘संपूर्ण क्रांति’ आंदोलन से शुरू हुई थी, जहां उन्हें आपातकाल के दौरान जेल भी जाना पड़ा। उन्होंने 1957 से 2008 तक ‘पटना ईस्ट विधानसभा क्षेत्र’ और 2008 के परिसीमन के बाद ‘पटना साहिब’ सीट से लगातार सात बार जीत दर्ज की है। यह सिलसिला अपने आप में एक अभूतपूर्व राजनीतिक रिकॉर्ड है।
नंद किशोर यादवा के जीत का अंतर लगातार बढ़ता ही गया है, जो इस बात का प्रमाण है कि शहरी मतदाता विकास और भाजपा की स्थापित साख पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी, जब मुकाबला इंडियन नेशनल कांग्रेस के प्रवीन सिंह से था, तब भी यादव ने अपनी पकड़ बनाए रखी और भारी वोटों के एक बड़े अंतर से जीत हासिल की।
वर्तमान में बिहार विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में कार्यरत नंद किशोर यादव, 2025 के चुनाव में लगातार आठवीं बार यानी जीत का ‘अष्टक’ लगाने की चुनौती का सामना करेंगे। यह सीट भाजपा के पूर्ववर्ती दल भारतीय जनसंघ के दिनों से ही उसका गढ़ रहा है। यहां के मतदाता मुख्यतः शहरी मुद्दों जैसे बेहतर नागरिक सुविधाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर और भाजपा की मजबूत विचारधारा पर वोट करते हैं। कांग्रेस, राजद या अन्य विरोधी दलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती भाजपा के इस पारंपरिक वोट बैंक और नंद किशोर यादव की व्यक्तिगत लोकप्रियता को तोड़ने की है, जिसमें वे पिछले कई चुनावों से असफल रहे हैं।
पटना साहिब का नाम सुनते ही आस्था और इतिहास का बोध होता है। यह सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मभूमि है। यहां स्थित तख्त श्री पटना साहिब सिख समुदाय के पांच तख्तों में से एक है और दुनियाभर के सिखों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है। इस सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत ने पटना साहिब को न सिर्फ बिहार, बल्कि राष्ट्रीय पटल पर एक विशेष स्थान दिलाया है।
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पटना साहिब विधानसभा सीट 2025 में एक बार फिर भाजपा के वर्चस्व को सिद्ध करने की लड़ाई का गवाह बनेगी, जहां नंद किशोर यादव की जीत का सिलसिला रोकने के लिए विरोधी दलों को एक अभूतपूर्व रणनीति की जरूरत होगी।






