
Highway (Source. Freepik)
How a Truck Mounted Attenuator Works: पुणे के एडोर कैंपस में वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर ने आधिकारिक तौर पर भारत का पहला ट्रक माउंटेड एटेन्यूएटर (Truck Mounted Attenuator – TMA) लॉन्च कर दिया है। यह अत्याधुनिक क्रैश-एब्जॉर्प्शन तकनीक खासतौर पर हाईवे पर काम करने वाले मजदूरों और वाहन चालकों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। सड़क हादसों के दौरान टक्कर की तीव्रता को सोखने वाली यह तकनीक अब तक ट्रायल के दौरान 100 से ज्यादा लोगों की जान बचा चुकी है, जिससे इसकी प्रभावशीलता साफ नजर आती है।
TMA एक तरह का क्रैश कुशन सिस्टम है, जिसे हाईवे पर चलने या खड़े रहने वाले सर्विस व्हीकल्स, जैसे रिपेयरिंग ट्रक, के पीछे लगाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पीछे से होने वाली तेज रफ्तार टक्कर के प्रभाव को कम करना है। जब कोई वाहन सर्विस व्हीकल से टकराता है, तो यह सिस्टम टक्कर की पूरी ऊर्जा को अपने भीतर सोख लेता है और वाहन की रफ्तार को नियंत्रित तरीके से घटा देता है।
टक्कर के दौरान TMA सिस्टम वाहन में बैठे लोगों पर पड़ने वाले झटके को काफी हद तक कम कर देता है। इससे गंभीर चोट और मौत का खतरा घट जाता है। साथ ही यह हाईवे के किनारे या बीच में निर्माण और मरम्मत कार्य कर रहे मजदूरों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है। तेज रफ्तार वाहनों से होने वाले पीछे के हादसे, जो अक्सर जानलेवा साबित होते हैं, TMA की मदद से काफी हद तक रोके जा सकते हैं।
इस तकनीक को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) का भी समर्थन प्राप्त है। NHAI अधिकारियों के अनुसार, उनका लक्ष्य देश के हाईवे को “जीरो फैटालिटी” की दिशा में ले जाना है और TMA जैसी तकनीक इस लक्ष्य को हासिल करने में अहम भूमिका निभा सकती है। अमेरिका और यूरोप जैसे देशों में हाईवे पर काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए इस तरह की मशीनों का उपयोग अनिवार्य है। भारत में भी 2021 से इसका ट्रायल चल रहा था, जिसमें यह तकनीक अब तक 100 से अधिक जानें बचाने में सफल रही है।
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फिलहाल TMA की 20 यूनिट्स तैयार की गई हैं। इनमें से 8 यूनिट्स को लॉन्च कार्यक्रम के दौरान ही तैनात कर दिया गया है, जबकि शेष 12 यूनिट्स को अगले 10 दिनों में सड़कों पर उतारा जाएगा। आने वाले समय में इसे देश के अन्य नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स पर भी लागू करने की योजना है।
वर्टिस इंफ्रास्ट्रक्चर के ज्वॉइंट सीईओ जफर के अनुसार, “इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य खतरनाक परिस्थितियों में काम करने वाले हाईवे वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।” यह पहल भारत के तेजी से बढ़ते हाईवे नेटवर्क को न सिर्फ आधुनिक, बल्कि दुनिया के सबसे सुरक्षित रोड नेटवर्क में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।






