Delhi की हवा हुई खराब। (सौ. AI)
Delhi Pollution: Delhi-NCR की हवा एक बार फिर जहरीली होती जा रही है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंच गया है, जिससे हवा की स्थिति ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई है। हालात बिगड़ते देख कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज-2 लागू कर दिया है। वहीं मौसम विभाग (IMD) और IITM ने पहले ही चेतावनी जारी की थी कि आने वाले दिनों में हवा की गुणवत्ता और गिर सकती है।
शनिवार को CAQM की सब-कमेटी ने प्रदूषण के ताजा आंकड़ों की समीक्षा की। शाम 4 बजे दिल्ली-एनसीआर का AQI 296 दर्ज किया गया था, जो रात 7 बजे तक बढ़कर 302 हो गया। लगातार बढ़ते स्तर को देखते हुए कमेटी ने तत्काल GRAP स्टेज-2 लागू करने का निर्णय लिया। दरअसल, स्टेज-1 पहले से ही 14 अक्टूबर से लागू था, लेकिन अब स्थिति और गंभीर होती दिख रही है। कमेटी ने सभी संबंधित एजेंसियों को धूल नियंत्रण के उपाय तेज करने और प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। यह नियम दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद और फरीदाबाद समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र में लागू रहेंगे।
दिवाली से ठीक पहले राजधानी की हवा की हालत और बिगड़ गई है। आनंद विहार जैसे इलाकों में AQI 400 के पार चला गया है, जो ‘Severe’ श्रेणी में आता है। पटाखों से होने वाले धुएं और मौसम में नमी के कारण आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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GRAP स्टेज-2 लागू होते ही वाहनों पर कड़े प्रतिबंध लागू हो गए हैं। अब दिल्ली में बाहरी राज्यों की बसें तभी प्रवेश कर सकेंगी, जब वे CNG, इलेक्ट्रिक या BS-VI डीजल इंजन पर चलती हों। हालांकि, ऑल-इंडिया परमिट वाली टूरिस्ट बसों को छूट दी गई है। सरकार ने लोगों से निजी वाहनों की बजाय पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करने की अपील की है। इसी के तहत CNG और इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी, साथ ही मेट्रो सेवाओं की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ाई जाएगी ताकि यात्रियों को कोई असुविधा न हो।
सरकार ने कुछ क्षेत्रों में ऑफ-पीक ऑवर्स के दौरान यात्रा किराया कम करने का सुझाव दिया है, ताकि लोग भीड़ वाले समय में यात्रा से बचें। दिल्ली सरकार ने नागरिकों से कारपूलिंग अपनाने, निजी कारों का उपयोग सीमित करने और ट्रैफिक सिग्नल पर इंजन बंद रखने की अपील की है। विशेषज्ञों के अनुसार, वाहनों से निकलने वाला धुआं सर्दियों में स्मॉग और धुंध का सबसे बड़ा कारण बनता है। इसलिए छोटे कदम भी प्रदूषण नियंत्रण में अहम भूमिका निभा सकते हैं।