नया बांग्लादेश की घोषणा भारत के खिलाफ साजिश (सौ.डिजाइन फोटो)
नवभारत डिजिटल डेस्क: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार ला मोहम्मद यूनुस ने ‘नया बांग्लादेश’ के जन्म की घोषणा करते हुए संयुक्त घोषणापत्र जुलाई चार्टर जारी किया है जिस पर 25 पार्टियों के नेताओं के हस्ताक्षर हैं। इससे हसीना वाजेद की पार्टी अवामी लीग को बाहर रखा गया है। यह एक बड़ी साजिश है जिसमें यूनुस ने चीन को अपना आर्थिक भागीदार बनाने की इच्छा व्यक्त करते हुए भारत के 7 पूर्वोत्तर राज्यों तथा नेपाल व भूटान को नए गठबंधन की धुरी बताया है। बांग्लादेश चाहता है कि चीन के प्रभाव में यह सारा क्षेत्र आ जाए और उसे वह अपना चटगांव बंदरगाह देकर खुश करे। नए बांग्लादेश के नाम पर वह भारत के लिए नई चुनौती पेश कर रहे हैं। बांग्लादेश का नेतृत्व चाहता है कि पूर्व प्रधानमंत्री हसीना को भारत उसके हवाले कर दे ताकि ढाका में उन्हें मौत की सजा दी जा सके।
हसीना की पार्टी अवामी लीग ने धरना आंदोलन का इस जुलाई चार्टर का विरोध किया। मोहम्मद यूनुस चीन और पाकिस्तान को खुश करने में लगे हैं। वह पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रति लगाव रखते हैं और चाहते हैं कि वह बांग्लादेश की सेना से संपर्क रखे। पाकिस्तानी सेना के अफसरों ने एक प्रतिनिधि मंडल को भी यूनुस ने ढाका बुलवाया था। बांग्लादेश में चुनाव कराने की मांग को वह लगातार टाल रहे हैं। यूनुस की मनमानी नीतियों के खिलाफ बांग्लादेश में फिर विरोध पनपने लगा है और इस बात के आसार हैं कि जिस तरह नेपाल में जेन-जी या नौजवान पीढ़ी ने बगावत की वैसा ही बांग्लादेश में भी होगा।
जुलाई चार्टर में सुधार के 80 से अधिक प्रस्ताव हैं जिनमें लोकतांत्रिक कदमों, मानवाधिकारों व मूलाधिकारों की बात कही गई है तथा प्रशासन के सभी क्षेत्रों में संतुलन लाने का वादा किया गया है। इसके साथ ही भारत विरोधी भावनाएं भी इनमें शामिल हैं। पाकिस्तान से मोहम्मद यूनुस के लगाव की वजह से 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में भाग लेनेवाले पूर्व सैनिक नाराज हैं। अंतरिम सरकार ने लगातार उनकी उपेक्षा की है।
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जुलाई चार्टर के नाम पर वह बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, शेख मुजीब के संघर्ष और बलिदान को पूरी तरह मिटा देना चाहते हैं। पाकिस्तानी सेना ने बांग्लादेशियों पर जो अमानुषिक अत्याचार किए थे और भारत ने कैसे पूर्व पाकिस्तान को आजाद कर बांग्लादेश बनाने में ऐतिहासिक योगदान दिया था, उसे भुलाकर यूनुस अपने देश को चीन व पाकिस्तान की कठपुतली बनाने में लगे हैं। भारत को समय रहते इस संकट का इलाज खोजना होगा।
लेख- चंद्रमोहन द्विवेदी के द्वारा