
e-Vehicles में शुरू होगी आवाज। (सौ. Pixabay)
Electric Vehicles India: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ये वाहन पर्यावरण के लिए तो लाभकारी हैं, लेकिन सड़क सुरक्षा के लिहाज से इनकी शांति कई बार जोखिमभरी साबित होती है। पेट्रोल-डीजल वाहनों की आवाज जहां सड़क पर उनकी मौजूदगी का संकेत देती है, वहीं ई-वाहनों की बिना आवाज वाली चाल पैदल चलने वालों के लिए खतरा बन जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार अब एक नया कदम उठाने जा रही है सभी EV में अलार्मिंग सिस्टम यानी AVAS (Acoustic Vehicle Alerting System) लगाना अनिवार्य किया जाएगा।
अमेरिकी परिवहन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों से पैदल चलने वालों के लिए दुर्घटना का खतरा पारंपरिक वाहनों की तुलना में 20% अधिक होता है। कम गति पर यह जोखिम 50% तक बढ़ जाता है। भारत जैसे घनी आबादी वाले देशों में यह खतरा और गंभीर हो सकता है। अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ जैसे विकसित देशों में AVAS पहले से अनिवार्य है, और अब भारत भी इसी दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
Acoustic Vehicle Alerting System (AVAS) एक पैदल यात्री चेतावनी प्रणाली है, जो ईवी के 20 किमी/घंटे से कम गति पर सक्रिय होती है। यह सिस्टम वाहन की गति और गियर पोजिशन को ट्रैक करता है और उसके अनुसार बाहरी स्पीकरों से निर्धारित कृत्रिम ध्वनि उत्पन्न करता है। इससे पैदल चलने वाले लोग और अन्य वाहन चालक समय रहते सचेत हो जाते हैं। यह सिस्टम रिवर्स गियर में भी चेतावनी देता है और जैसे ही वाहन 20 किमी/घंटे से ऊपर जाता है, यह स्वतः बंद हो जाता है।
यह प्रणाली खासकर दृष्टिबाधित, वृद्ध और बच्चों के लिए जीवनरक्षक साबित हो सकती है। यह केवल एक तकनीकी फीचर नहीं, बल्कि सड़क सुरक्षा तंत्र में एक बड़ा बदलाव है। उच्च गति पर इलेक्ट्रिक वाहनों में टायर और हवा के घर्षण से पर्याप्त आवाज उत्पन्न हो जाती है, इसलिए AVAS केवल कम गति पर ही काम करता है।
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भारत में आने वाला AVAS सिस्टम AIS-173 मानकों के अनुरूप होगा। इसमें यह परिभाषित किया गया है कि यह ध्वनि कितनी तेज और स्पष्ट होनी चाहिए ताकि व्यस्त ट्रैफिक में भी आसानी से सुनी जा सके, लेकिन यह आसपास के लोगों को असुविधाजनक न लगे। यह नियम M और N श्रेणी के वाहनों पर लागू होगा:
नए मॉडल्स में यह सिस्टम 1 अक्टूबर 2026 से अनिवार्य होगा, जबकि पुराने मॉडलों के लिए 1 अक्टूबर 2027 तक की समयसीमा दी गई है।
भारत में कुछ EV निर्माता कंपनियां पहले से ही यह सुविधा दे रही हैं। TATA Curve EV, MG Comet, Mahindra XEV 9e, Hyundai Creta Electric और BE6 जैसे मॉडल में AVAS तकनीक पहले से मौजूद है। अब सरकार के इस प्रस्ताव के बाद यह सिस्टम हर इलेक्ट्रिक वाहन के लिए अनिवार्य हो जाएगा।






