20 साल पुरानी गाड़ियों के लिए नियम। (सौ. Pixabay)
Transport Ministry Scrap Policy: परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने गुरुवार को सेंट्रल मोटर व्हीकल्स (थर्ड अमेंडमेंट) रूल्स 2025 को नोटिफाई करते हुए साफ कर दिया है कि अब 20 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ियों की रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल फीस लगभग दोगुनी कर दी गई है। यह फैसला सीधे उन लोगों को प्रभावित करेगा, जो अब भी सड़क पर 20 साल पुरानी गाड़ियां चला रहे हैं।
नई व्यवस्था के तहत अलग-अलग वाहनों की फीस इस प्रकार तय की गई है:
गौरतलब है कि इन शुल्कों में जीएसटी शामिल नहीं है। साथ ही, 15 साल पुरानी गाड़ियों का दोबारा पंजीकरण कराया जा सकता है, लेकिन उनकी उम्र 20 साल से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकेगी।
सरकार का कहना है कि इस फैसले का मकसद पुरानी गाड़ियों को धीरे-धीरे सड़कों से हटाना और उनकी जगह नई, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल गाड़ियों को बढ़ावा देना है। दरअसल, 20 साल पुरानी गाड़ियां न केवल ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं, बल्कि सड़क पर हादसों का खतरा भी बढ़ाती हैं। यही कारण है कि इन्हें स्क्रैप पॉलिसी से जोड़ा गया है।
दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों पर पहले से ही रोक है।
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अब वाहन मालिकों के सामने दो ही रास्ते हैं:
सरकार का यह कदम जहां पर्यावरण संरक्षण और सड़क सुरक्षा की दिशा में अहम माना जा रहा है, वहीं आम वाहन मालिकों के लिए यह आर्थिक बोझ साबित हो सकता है। अब देखना होगा कि लोग इस नए नियम को अपनाने के लिए कौन सा विकल्प चुनते हैं।