केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ( सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : बुधवार को संसद में टोल टैक्स से संबंधित एक मुख्य विषय पेश किया गया है। केंद्र सरकार ने सैटेलाइट-आधारित नेविगेशन सिस्टम के जरिए टोल टैक्स वसूली करने पर विचार कर रही है, जिसके लिए सरकार ने संसद में एक पायलट अध्ययन के बारे में जानकारी साझा की है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस विषय को लेकर संसद में एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें उन्होंने बताया कि इस सैटेलाइट-आधारित नेविगेशन सिस्टम के कॉन्सेप्ट को बंगलूरू-मैसूर खंड राष्ट्रीय राजमार्ग-275 और पानीपत-हिसार खंड राष्ट्रीय राजमार्ग-709 (पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग-71ए) पर पायलट आधार लागू किया गया था।
केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने संसद में यह बात बतायी है कि केंद्र सरकार ने वर्तमान में मौजूद फास्टैग सुविधा के अलावा भी नेशनल हाईवे के कुछ चुनिंदा जगहों पर ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (ETC) सिस्टम को चालू करने का निर्णय लिया है। GNSS, GPS (जीपीएस) और GLONASS (ग्लोनास) ये सभी सैटेलाइट सिस्टम के लिए उपयोग किए जाने वाले शब्द है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने संसद में ये भी बताया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण जल्द ही फास्टैग इकोसिस्टम के साथ GNSS-आधारित ETC सिस्टम को लागू करने की योजना बना रहा है। इस योजना के शुरूआती दौर में एक हाइब्रिड मॉडल का उपयोग किया जाने वाला है। ये सिस्टम RFID-आधारित ETC और GNSS-आधारित ETC दोनों एक साथ संचालित होने वाले है।
साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि इस योजना को लागू करने के बाद GNSS-आधारित ETC का इस्तेमाल करने वाले वाहनों टोल टैक्स पर अपना समय गंवाए बिना टोल नाके को पार कर सकते है। इस सिस्टम का उपयोग करने वाले वाहनों के लिए टोल टैक्स पर एक अलग लाइन होगी। इसके सफल परिक्षण के बाद सभी लेन जीएनएसएस लेन में कन्वर्ट हो जाएगी। एक समाचार एजेंसी में इस रिपोर्ट के बारे में जानकारी शेयर की गई है।
GNSS एक ऐसा सिस्टम है, जिसमें आप बिना किसी रूकावट के आसानी से टोल टैक्स का भुगतान कर सकते है, इससे आपके समय की भी बचत होगी। साथ ही आपको बता दे कि विशेष हाईवे सेक्शन पर तय की गई दूरी के आधार पर टोल टैक्स का भुगतान करने की उम्मीद है।
अगर भारत में ये GNSS-आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन की सुविधा शुरू हो जाती है, तो इसके कारण हाईवे पर आसानी से आवागमन हो सकता है। साथ ही इस योजना से हाईवे पर यात्रा करने वाले कई यात्रियों को फायदे हो सकते है। इस सुविधा से टोल चोरी करने वाले लोग आसानी से पकड़े जा सकते है, और उनपर आसानी से कारवाई की जा सकती है।