अनुरा कुमारा दिसानायके
कोलंबो: श्रीलंका में गुरुवार को संसदीय चुनाव के लिए मतदान प्रारंभ हो गया। ये चुनाव नए राष्ट्रपति कुमारा दिसानायके के लिये काफी महत्वपूर्ण है। दिसानयके सरकार को सत्ता में बने रहने के लिए 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट लाने होंगे।
श्रीलंका 225 सदस्यीय संसद वाला देश है। इस पर अगर नियंत्रण पाना है दिसानायके की पार्टी नेशनल पीपुल्स पावर (NPP) को चुनाव में कम से कम 113 सीट पर जीत हासिल करनी होगी।
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ये चुनाव मार्क्सवादी विचारधारा के प्रति झुकाव रखने वाले देश के नए राष्ट्रपति दिसानायके के लिए आर्थिक सुधार के वादों को पूरा करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है। इसी साल के सितंबर में हुए चुनाव में सबसे ज्यादा वोट पाने वाली पार्टी एनपीपी रही।
NPP देश का नया राजनीतिक दल
एनपीपी का गठन 2019 में किया गया था। यह श्रीलंका के राजनीतिक परिदृश्य में अपेक्षाकृत नया दल है। पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इसके कई उम्मीदवार राजनीति में नए चेहरे हैं। साथ ही इनका मुकाबला देश के अन्य पुराने दलों के उम्मीदवारों से हैं।
दिसानायके के प्रतिद्वंदी हैं साजिथ प्रेमदासा
पिछली चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे साजिथ प्रेमदासा और उनकी पार्टी यूनाइटेड पीपुल्स पावर यानी एनपीपी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा है। ऐसे में ये चुनाव देश की दिशा और दशा निर्धारित करने के लिहाज से काफी अहम हैं। कुल 8821 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। परिणाम शुक्रवार को घोषित किए जा सकते हैं।
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बता दें कि श्रीलंका में 21 सितंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव में अनुरा कुमारा दिसानायके को जीत हासिल हुई थी। लेकिन वह 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल करने में विफल रहे थे। जिसके बाद दिसानायके अपने भ्रष्टाचार विरोधी जवाबदेही सुधारवादी कार्यक्रम को लागू करने के लिए मजबूत संसद की वकालत कर रहे हैं।