डोनाल्ड ट्रंप (सोर्स- सोशल मीडिया)
US Recognition Palestinian: इजरायल और हमास के बीच अमेरिका के दखल के बाद युद्ध अब समाप्त हो चुका है। इसके बाद से ही दुनियाभर में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि क्या अब अमेरिका सरकार फिलीस्तीन को एक राष्ट्र के तौर पर मान्यता देगी। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी सरकार का मत इसे लेकर साफ है, लेकिन अमेरिकी जनता इसे लेकर बंट गई है।
अमेरिकी मीडिया द्वारा किए गए एक सर्वे के मुताबिक, अधिकतर अमेरिकी नागरिकों का मानना है कि अमेरिका को फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देनी चाहिए। उनका मानना है कि इससे इजरायल और फिलिस्तीन के बीच ‘दो-राज्य समाधान’ संभव हो सकेगा। यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की फिलीस्तीन-विरोधी नीति के विपरीत है, जो जनता की राय से मेल नहीं खाती।
सर्वे रिपोर्ट में 59 प्रतिशत लोगों ने फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने का समर्थन किया, जबकि 33 प्रतिशत ने इसका विरोध किया। ट्रंप के रिपब्लिकन समर्थकों में भी 53 प्रतिशत ने विरोध किया, लेकिन 41 प्रतिशत ने इसका समर्थन किया। पश्चिमी देशों (जैसे ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, और ऑस्ट्रेलिया) ने फिलिस्तीन राज्य को मान्यता दी है, जबकि इजरायल ने इसे कड़ी आलोचना की है।
गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई में 65,000 से अधिक फिलिस्तीन मारे गए हैं, और अक्टूबर 2023 के हमास हमले में इजरायल में लगभग 1,200 लोग मारे गए। इसके बावजूद, अमेरिकी जनता का नजरिया ट्रंप प्रशासन से अलग है। ट्रंप ने इजरायल की बमबारी का समर्थन किया, लेकिन सर्वेक्षण में 60 प्रतिशत ने इसे अत्यधिक करार दिया। केवल 32 प्रतिशत इससे सहमत थे।
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हालांकि, ट्रंप ने युद्धविराम के लिए मध्यस्थता की है। सर्वेक्षण में यह भी संकेत मिलता है कि अमेरिकी जनता उन्हें शांति समझौते का श्रेय देने के लिए तैयार हो सकती है। 51 प्रतिशत लोगों ने कहा कि यदि ट्रंप के प्रयास सफल होते हैं, तो उन्हें श्रेय मिलना चाहिए। इस बीच, ट्रंप की विदेश नीति रेटिंग में हल्का सुधार हुआ है और यह 38 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो जुलाई के बाद से सबसे ऊंची है। फिर भी, क्षेत्र में शांति की राह अभी भी अनिश्चित बनी हुई है।