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वाशिंगटन: सोमवार तड़के अमेरिका के अलास्का राज्य में तेज़ भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के बाद संबंधित एजेंसियों ने सुनामी की चेतावनी जारी की है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 दर्ज की गई और इसका केंद्र पृथ्वी की सतह से 48 किलोमीटर नीचे था। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की कम गहराई में आने वाले भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स (दोबारा झटके) आने की संभावना अधिक होती है।
वहीं, ताजिकिस्तान में 4.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया, जिसके झटके रात 1:01 बजे (भारतीय समय के अनुसार) महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.0 आंकी गई। अभी तक इन घटनाओं में किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
भूकंप के आंकड़ों के अनुसार, इसका केंद्र 36.87° उत्तरी अक्षांश और 72.10° पूर्वी देशांतर पर था। यह भूकंप जमीन से लगभग 160 किलोमीटर नीचे उत्पन्न हुआ, जिसके कारण इसे मध्यम तीव्रता वाला गहरा भूकंप माना गया। अधिक गहराई के कारण सतह पर इसका प्रभाव कम रहा और अभी तक किसी भी बड़ी क्षति की खबर नहीं मिली है।
NCS ने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें हालात पर नजर रखे हुए हैं। किसी भी आपात स्थिति में लोगों को घबराने के बजाय सुरक्षित स्थानों पर जाने और एहतियात बरतने की सलाह दी गई है।
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जब पृथ्वी की सतह के नीचे स्थित विशाल चट्टानी प्लेटें (जिन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं) धीरे-धीरे खिसकती हैं और आपस में टकराती या रगड़ती हैं, तो उनके बीच दबाव बढ़ने लगता है। जब यह दबाव एक निश्चित सीमा से अधिक हो जाता है, तो प्लेटें अचानक से हिल जाती हैं। इस खिसकने से धरती में कंपन होता है, जिसे भूकंप कहा जाता है।
यह कंपन धरती की सतह तक महसूस होता है। कभी-कभी यह झटका बहुत हल्का होता है, लेकिन कई बार इतना तेज भी हो सकता है कि जान-माल का नुकसान कर दे। अधिकतर भूकंप धरती के भीतर गहराई में होने वाली गतिविधियों की वजह से आते हैं।