यूक्रेनी महिला शरणार्थी की मौत से अमेरिका में आक्रोश (फोटो- सोशल मीडिया)
Iryna Zarutska Death Case: अमेरिका में लोग एक बार फिर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे है। लेकिन इस बार मुद्दा इमिग्रेशन या डोनाल्ड ट्रंप के किसी नए कानून को लेकर नहीं है, बल्कि लोग यूक्रेनी महिला शरणार्थी इरीना जारतुस्का की बेरहमी की गई हत्या के खिलाफ विरोध कर रहे है। इरीना जारतुस्का की 22 अगस्त को उस समय हत्या की गई थी जब वो ट्रेन से सफर कर रही थी।
हत्या का आरोपी 34 वर्षीय डिकार्लोस ब्राउन जूनियर है, जो पहले से ही कई आपराधिक मामलों में संलिप्त रहा है। पुलिस के मुताबिक, यह हमला न तो उकसावे में किया गया था और न ही इसके पीछे कोई स्पष्ट कारण था। ट्रेन में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में वारदात से पहले और बाद की पूरी घटना कैद हो गई है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
डिकार्लोस ब्राउन का आपराधिक रिकॉर्ड काफी लंबा है। साल 2011 से अब तक उसे चोरी और डकैती जैसे मामलों में कई बार गिरफ्तार किया जा चुका है। चौंकाने वाली बात यह है कि इसी साल जनवरी में उसे 911 इमरजेंसी नंबर के दुरुपयोग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उसके वकील ने अदालत में मानसिक बीमारी का हवाला देते हुए उसे मुकदमे के लिए अयोग्य बताया, जिसके आधार पर उसे बिना किसी निगरानी के रिहा कर दिया गया।
Iryna zarutska, 23, ukrainian refugee who fled to the US to escape the war in Ukraine, was fatally stabbed in Charlotte, North Carolina.
The suspect, decarlos brown Jr., 34, man with a history of criminal activity, was arrested and charged with first degree murder. pic.twitter.com/DZvXNGwQNG
— orange 🍊 (@orange4u28) September 6, 2025
इस घटना ने अमेरिका की आपराधिक न्याय प्रणाली और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े निर्णयों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस देश को इरीना ने शांति और सुरक्षा के लिए चुना, वहीं पर उसकी दर्दनाक मौत ने पूरे अमेरिका को झकझोर कर रख दिया है।
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सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर गुस्सा और बहस तेज हो गई है, जहां लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि आखिर एक खतरनाक अपराधी को क्यों और कैसे बिना निगरानी रिहा किया गया? यह मामला न सिर्फ एक निर्दोष की मौत की कहानी है, बल्कि यह भी दिखाता है कि मौजूदा न्यायिक और मानसिक स्वास्थ्य प्रणाली में कितनी बड़ी खामियां मौजूद हैं, जिन्हें सुधारना अब और ज्यादा जरूरी हो गया है।