तुर्की के मंत्री यासर गुलेर और हाकन फ़िदान (फोटो- सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: तुर्किए ने एक बार फिर ऐसा कदम उठाया है जिससे भारत में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। तुर्किए के दो वरिष्ठ मंत्री बुधवार को पाकिस्तान के दौरे पर पहुंचे हैं, जहां वे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से मुलाकात करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, फिदान और गुलर की पाकिस्तान के नेताओं और सैन्य अधिकारियों के साथ होने वाली बैठक में अर्थव्यवस्था, रक्षा उद्योग, व्यापार और सैन्य सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही, इस्लामाबाद में फरवरी में आयोजित हाई लेवल स्ट्रैटेजिक कोऑपरेशन काउंसिल की समीक्षा की जाएगी और तुर्किए में प्रस्तावित अगली बैठक की तैयारियों पर भी विचार किया जाएगा। यह बैठक दोनों देशों के बीच गहरे होते रक्षा सहयोग और इस्लामी एकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
तुर्किए के मंत्रियों का यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण हैं। खासकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्किए द्वारा पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किए जाने के कारण। स्थानीय मीडिया के अनुसार, विदेश मंत्री हाकन फिदान के एजेंडे में भारत-पाकिस्तान के बीच जारी तनाव और क्षेत्रीय शांति प्रयास भी शामिल हैं। ऐसे में यह संभावना है कि भारत इस बातचीत का एक अहम विषय बनेगा।
इससे पहले तुर्किए स्पष्ट कर चुका है कि वह पाकिस्तान के साथ अपने रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा। इसका सीधा अर्थ है कि पाकिस्तान को तुर्किए से और अधिक हथियार और सैन्य उपकरण मिल सकते हैं। मई में भारत-पाक तनाव के दौरान तुर्किए में बने हथियारों ने पाकिस्तान की मदद की थी। वर्ष 2023 में तुर्किए ने पाकिस्तान को लगभग 20.95 मिलियन डॉलर मूल्य के हथियार और गोला-बारूद निर्यात किए थे।
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ऐसा माना जा रहा है कि तुर्किए के मंत्रियों का यह दौरा पाकिस्तान में राष्ट्रपति रजब तैयब इर्दोग़ान की विशेष रुचि का परिणाम है। इर्दोग़ान की निगाह पाकिस्तान की तीन प्रमुख राष्ट्रीय तेल कंपनियों पर है। अप्रैल 2025 में तुर्किए पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और पाकिस्तान की तेल कंपनियों के बीच हुए समझौतों के तहत दोनों देशों के बीच ऊर्जा और खनिज क्षेत्र में सहयोग की संभावनाएं बढ़ी हैं।