डोनाल्ड ट्रंप (फोटो- सोशल मीडिया)
वांशिगटन: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश, जो लंबे समय से एक-दूसरे के विरोधी रहे हैं, अब जल्द ही एक समझौते तक पहुंच जाएंगे। ट्रंप ने इससे पहले भारत-पाकिस्तान के बीच समझौता कराने का दावा किया था, और अब उन्होंने कहा कि इजरायल और ईरान को भी एक समझौते पर हस्ताक्षर करने चाहिए।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब इजरायल ने शुक्रवार को ईरान के परमाणु, मिसाइल और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए “ऑपरेशन राइजिंग लॉयन” शुरू किया था। इसके जवाब में ईरान ने भी इजरायल पर हमले किए, जिसमें तेल अवीव जैसे शहरों को भारी नुकसान पहुंचा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ’ पर एक पोस्ट लिखकर कहा कि ईरान और इजरायल को आपस में समझौता करना चाहिए, और उनका मानना है कि ऐसा होगा भी। उन्होंने अपने अनुभव का हवाला देते हुए कहा कि जिस तरह उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में मदद की थी, वैसे ही ईरान और इजरायल के साथ भी किया जा सकता है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंधों का उपयोग करके, दोनों देशों के बीच तर्कसंगत बातचीत, सहमति और समझदारी लाई जा सकती है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के नेताओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे जल्दी निर्णय लेने और हिंसा रोकने में सक्षम थे।
साथ ही, ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल की एक और उपलब्धि का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने सर्बिया और कोसोवो के बीच दशकों पुराने तनाव को शांत किया था, जो एक बड़े संघर्ष में बदल सकता था। हालांकि, उन्होंने जो बाइडेन प्रशासन पर आरोप लगाया कि उनके गलत फैसलों ने इस मामले में दीर्घकालिक शांति को नुकसान पहुंचाया है। लेकिन मैं इस स्थिति को भी सुधार दूंगा।
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बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले महीने तनाव अपने चरम पर पहुंच गया था। पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई की, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान पहुंचा। इसके बाद दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार यह दावा किया है कि यह युद्धविराम उनकी मध्यस्थता से संभव हुआ, लेकिन भारत सरकार ने हमेशा उनके इस दावे को नकारा है। भारत का स्पष्ट मानना है कि यह समझौता दोनों देशों के सैन्य संचालन प्रमुखों (DGMO) के बीच सीधी वार्ता के बाद हुआ।
उन्होंने आगे कहा, ”मिस्र और इथियोपिया के बीच चल रहा विवाद है, जो एक बड़े बांध को लेकर है और जिसका नील नदी पर गहरा असर पड़ रहा है। मेरी पहल के बाद, फिलहाल तनाव कम हुआ है और शांति बनी हुई है। मुझे उम्मीद है कि यह स्थिति आगे भी कायम रहेगी। इसी प्रकार, मुझे विश्वास है कि इजरायल और ईरान के बीच भी जल्द ही सुलह होगी। इस दिशा में कई चर्चाएं चल रही हैं।