ट्रंप का हूतियों पर हवाई प्रहार, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: यमन की राजधानी सना में अमेरिकी हवाई हमलों में दो लोगों की जान चली गई, जबकि इस हमले में दो महिलाओं और तीन बच्चों सहित कुल दस लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि हमलों के दौरान शहर के कई इलाकों को निशाना बनाया गया। फिलहाल सभी घायलों का स्थानीय अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है। हूती विद्रोहियों के नियंत्रण वाले अल-मसीरा टीवी चैनल के अनुसार, अमेरिका ने उस मालवाहक पोत ‘गैलेक्सी लीडर’ पर भी हवाई हमला किया, जिसे हूतियों ने नवंबर 2023 से अपने कब्जे में ले लिया था।
रविवार को हूतियों ने इजरायल के नेगेव इलाके में स्थित नेवातिम एयर बेस पर मिसाइल दागने की जिम्मेदारी ली। 48 घंटों के भीतर यह दूसरा हमला था। इजरायली सेना के अनुसार, अरावा क्षेत्र और डेड सी के पास सायरन बजने के बाद मिसाइल को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया था। हालांकि इस हमले में किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हूती विद्रोहियों के सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने बताया कि उनके समूह ने गाजा में जारी युद्ध के बीच फिलिस्तीनियों के समर्थन में (एयर) बेस पर हमला करने के लिए ‘हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल’ का उपयोग किया था। सरिया ने यह भी कहा कि उनका सैन्य अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक गाजा पर हमले बंद नहीं हो जाते।
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यह हमला उस घटना के बाद हुआ है जब पिछले सप्ताह अमेरिकी हवाई हमलों ने यमन के रास ईसा ईंधन टर्मिनल को निशाना बनाया था, जिसमें कम से कम 74 लोगों की मौत और 171 के घायल हो गए थे। ये हमले अमेरिका और ईरान के बीच रोम में परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी बातचीत की बहाली के तुरंत बाद हुए, जिसे वाशिंगटन ने यमन में ईरान समर्थित गतिविधियों से जोड़कर देखा है।
अमेरिकी सेना और हूती समूह के बीच 15 मार्च से तनाव और बढ़ गया है, जब अमेरिका ने यमन में हूती ठिकानों पर दोबारा हवाई हमले शुरू किए। इन हमलों का उद्देश्य हूती लड़ाकों को लाल सागर में इजरायली और अमेरिकी जहाजों पर हमले करने से रोकना था। उत्तरी यमन के बड़े हिस्से पर कब्जा रखने वाले हूती समूह का कहना है कि उनके हमले अमेरिका समर्थित इजरायल पर दबाव बनाने के लिए हैं, ताकि वह गाजा पट्टी पर अपना हमला रोके और वहां फंसे फिलीस्तीनियों तक जरूरी सहायता सामग्री पहुंचने दे।