ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई (फोटो- सोशल मीडिया)
तेहरान: ईरान और इजराइल के बीच तनाव अपनी चरम सीमा पर पहुंच गए हैं। इसी बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई ने अपने 3 संभावित उत्तराधिकारियों की घोषणा कर दी है। खामेनेई ने यह फैसला इजराइल और अमेरिका की ओर से हत्या की धमकी के बाद लिया है।
खामेनेई हत्या की संभावनाओं के डर से बंकर में छिपे हैं। उन्होंने यहीं से तीन मौलवियों को अपने उत्तराधिकारी के तौर पर चुना है। हालांकि, उनके नामों को अभी गुप्त रखा गया है और इनका खुलासा खामेनेई की मौत के बाद ही होगा। जानकारी के मुताबिक, खामेनेई ने अपने बेटे मोजतबा का नाम अपने उत्तराधिकारी के तौर पर आगे नहीं बढ़ाया है।
खामेनेई का ऐसे में उत्तराधिकारी चुनना कई मायनों में अहम माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि खामेनेई को इस बात का अंदेशा है कि इजराइल और अमेरिका उनकी हत्या करवा सकते हैं। इसलिए उन्होंने अभी से ही अपने उत्तराधिकारी के लिए संभावित नामों की घोषणा की है। उन्होंने यह फैसला इसलिए भी लिया है क्योंकि ईरान में सर्वोच्च नेता के चुनाव में समय लगता है और यह एक लंबी प्रक्रिया है, और वो नहीं चाहते कि उन्हें कुछ हो जाने की स्थिति में सर्वोच्च नेता की कुर्सी अधिक समय तक खाली रहे।
ईरान में सर्वोच्च नेता के चुनाव की प्रक्रिया काफी लंबी है और इसमें काफी समय लगता है। सर्वोच्च नेता का चुनाव ईरान की संरक्षक परिषद (Guardian Council) करती है। इस परिषद में 88 धार्मिक विद्वान होते हैं, जिन्हें सीधे जनता द्वारा हर 8 साल में चुना जाता है। परिषद योग्य उम्मीदवारों को धार्मिक, राजनीतिक, और व्यक्तिगत गुणों के आधार पर चयन करती है।
खामेनेई को सत्ता से बाहर करेगें ट्रंप, तख्तापलट की तैयारी, ‘मेक ईरान ग्रेट अगेन’ का दिया नारा
सर्वोच्च नेता के उम्मीदवार को लेकर कुछ मापदंड हैं, जिन्हें पूरा करने पर ही उनका चुनाव होता है। सर्वोच्च नेता को इस्लामी शास्त्रों (फ़िक़्ह) का गहरा ज्ञान होना चाहिए, इस्लामी न्याय और धार्मिकता की समझ, राजनीतिक दूरदर्शिता और प्रशासनिक क्षमता, वर्तमान समय की आवश्यकताओं और मुद्दों की समझ, और राष्ट्र की अगुवाई करने की योग्यता का होना जरूरी है। ईरान के संविधान में सर्वोच्च नेता को पद से हटाया भी जा सकता है, लेकिन ऐसा आज तक कभी नहीं हुआ है।