4.32 करोड़ का लेटर...कुंभ पर अपने पत्र में ऐसा क्या लिखा ऐपल फाउंडर स्टीव जॉब्स ने?
नवभारत डेस्क: दिवंगत एप्पल के सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स द्वारा भारत आने और कुंभ मेले में भाग लेने की इच्छा व्यक्त करते हुए लिखा गया पत्र 500,312.50 डॉलर यानी कि 4.32 करोड़ रुपये में नीलाम हुआ है। जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल इस वक्त प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 में भाग लेने के लिए भारत आई हुई हैं। जॉब्स के 19वें जन्मदिन, 23 फरवरी, 1974 को लिखा गया ये पत्र उनके बचपन के दोस्त टिम ब्राउन को लिखा था।
इसमें जॉब्स ज़ेन बौद्ध धर्म और कुंभ मेले में भाग लेने की अपनी आकांक्षा जाहिर की थी। जो एक प्रमुख हिंदू तीर्थ और त्योहार है। जॉब्स ने लिखा, “मैं कुंभ मेले के लिए भारत जाना चाहता हूं, जो अप्रैल में शुरू होता है। मैं मार्च में किसी समय जाऊँगा, अभी निश्चित नहीं हूँ।”
इस पत्र में जॉब्स के आध्यात्मिक पक्ष की एक दुर्लभ झलक मिलती है, जो हिंदू धर्म से बहुत प्रभावित है, क्योंकि वो “शांति, स्टीव जॉब्स” कहकर समाप्त करते हैं। उन्होंने ये भी उल्लेख किया है कि “वे कई बार रोए थे।” पत्र के अनुसार, जॉब्स ने उत्तराखंड में नीम करोली बाबा के आश्रम में भी जाने की योजना बनाई थी । हालांकि, नैनीताल पहुंचने पर उनको पता चला कि नीम करोली बाबा का पिछले साल निधन हो गया था। इसके बावजूद, जॉब्स कैंची धाम में आश्रम में रहे और बाबा की शिक्षाओं में सांत्वना पाते रहे।
भारत में अपने सात महीने के प्रवास के दौरान, उन्होंने खुद को भारतीय संस्कृति में डुबो लिया। घर लौटने पर, उनके माता-पिता उनके बदले हुए रूप के कारण उनको पहचान नहीं पाए। जॉब्स ने कहा कि मेरा सिर मुंडा हुआ था, मैं भारतीय सूती वस्त्र पहने हुए था और मेरी त्वचा धूप से गहरे, चॉकलेटी भूरे-लाल रंग की हो गई थी।
ठीक 51 साल पहले लिखे गए इस पत्र को एक निजी अंतरराष्ट्रीय नीलामी घर बोनहम्स ने 500,312.50 डॉलर (4.32 करोड़ रुपये) में नीलाम किया, जैसा कि इसकी वेबसाइट पर जानकारी दी गई है।
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स्टीव जॉब्स का निधन 5 अक्टूबर, 2011 को अग्नाशय के कैंसर की वजह से हुआ। जॉब्स कभी कुंभ मेले में शामिल नहीं हुए, लेकिन उनकी पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने भारत के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 में शामिल होकर उनकी लंबे समय से की गई इच्छा पूरी की । लॉरेन, जिन्हें उनके गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने हिंदू नाम “कमला” दिया था, 40 सदस्यीय टीम के साथ पहुंचीं और ध्यान, क्रिया योग और प्राणायाम सहित आध्यात्मिक अभ्यासों में भाग ले रही हैं।