BRICS
कोलंबो: ब्रिक्स (BRICS) नौ देशों वाला समूह है। जिसमें भारत पहले से ही इसका सदस्य है। अब भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका भी इसका सदस्य बनने की इच्छा जताई है। इसके लिए वह आवेदन करना चाहता है।
श्रीलंका के विदेश मंत्री विजेता हेराथ ने बीते दिन यानी 14 अक्टूबर को कहा कि कोलंबो ब्रिक्स और न्यू डेवलपमेंट बैंक की सदस्यता के लिए आवेदन करेगा। पांच देशों का ये समूह अब नौ देशों का समूह बन चुका है। ऐसे में अगर श्रीलंका की आवेदन को संगठन स्वीकार कर लेता है तो ब्रिक्स 10 देशों का समूह बन जाएगा
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ब्रिक्स समूह का सदस्य क्यों बनना चाहता है श्रीलंका
श्रीलंका के विदेश मंत्री हेराथ ने कहा कि ब्रिक्स संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मुताबिक मजबूत, समावेशी लाभकारी सहयोग, शांति और विकास को लेकर काम करने वाला समूह है। इसके लिए उन्होंने समूह से समर्थन मांगा है। हालांकि इस साल होने वाले समिट में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानयके आगामी चुनावों के कारण भाग नहीं ले पाएंगे।
कब है ब्रिक्स समिट
इस साल ब्रिक्स समिट दो दिवसीय यानी 22 से 24 अक्टूबर के बीच रूस के कजान शहर में आयोजित होना है। हेराथ ने बताया कि विदेश सचिव इस समिट में शामिल होंगे। साथ ही वे ब्रिक्स में श्रीलंका को शामिल करने का आवेदन देंगे। श्रीलंका लंबे समय से ब्रिक्स में शामिल होना चाह रहा है। इसी साल मई में तत्कालीन विदेश मंत्री अली साबरी ने भी ब्रिक्स में शामिल होने की इच्छा जताई थी।
BRICS पांच देशों का था समूह
शुरूआत में ब्रिक्स (BRICS)पांच देशों वाला समूह था। ये सिर्फ ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन और साउथ अफ्रीका वाले देश का समूह था। इसके बाद इसी साल जनवरी में चार और देश सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात, इथियोपिया और मिस्र समूह में शामिल हुए। अब समूह सदस्य की संख्या 5 से 9 हो चुकी है।
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BRICS समूह गठन का उद्देश्य क्या है
ब्रिक्स समूह से पहले ये ब्रिक समूह था। साल 2006 ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर ब्रिक समूह बनाया। 2010 में दक्षिण अफ़्रीका भी इसमें शामिल हो गया और यह ब्रिक्स बन गया। इस समूह की स्थापना विश्व के सबसे महत्वपूर्ण विकासशील देशों को एक साथ लाने और उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के धनी देशों की राजनीतिक और आर्थिक शक्ति को चुनौती देने के लिए की गई थी।