मोहम्मद यूनुस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए भारतीय उच्चायुक्त
नई दिल्ली: भारत और बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच संबंध हमेशा से अच्छे रहे। जब भारत और चीन की बात आती थी तो हसीना सरकार ने चीन के बजाय हमेशा भारत को ही तरजीह दिया है। इसके अलावा शेख पर जब-जब मुसीबतें आईं भारत ने हमेशा उनका साथ दिया है। फिर चाहे वह इंदिरा गांधी की सरकार रही हो या फिर पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार ही क्यों न हो। भारत नेबर फर्स्ट पॉलिसी को आगे रखा है।
बांग्लादेश में भारी विद्रोह की वजह से चार बार प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। इसके बाद हसीना, भारत में शरण लीं। बावजूद इसके भारत, बांग्लादेश व्यवस्थापिका में भाग ले रहा है।
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भारतीय उच्चायुक्त मोहम्मद यूनुस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा देश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में मोहम्मद यूनुस के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री 84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस को राष्ट्रपति भवन बंगभवन में आयोजित एक समारोह में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में बृहस्पतिवार को शपथ दिलाई।
अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण
विदेश मंत्रालय के प्रचार विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय उच्चायुक्त बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। यूनुस ने ऐसे समय में अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ली है जब बांग्लादेश में छात्रों के सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण तीन दिन पहले शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर चली गई थीं।
16 सदस्यीय सलाहकार परिषद की घोषणा की
यूनुस की सहायता के लिए 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद की घोषणा की गई। छात्र आंदोलन के दो प्रमुख आयोजक मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद भी सलाहकार परिषद का हिस्सा हैं। भारत की इस कदम से ये तो है कि वो जिन पड़ोसी देशों से उनके संबंध अच्छे रहे हैं। वह उसे उसी तरह आगे ले चले।
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