अवामी लीग का दावा यूनुस ने बांग्लादेश को किया कंगाल (फोटो- सोशल मीडिया)
Bangladesh Economic Crisis: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने देश अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अवामी लीग ने कहा कि, शेख हसीना के सत्ता से हटने के एक साल के अंदर यूनुस सरकार देश को कंगाली और भूखमरी की कगार पर ले आई है। पार्टी ने दावा किया कि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट में चली गई है। इस दौरान सैकड़ों कारखाने बंद हो गए, जिससे हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
बांग्लादेश में पिछले एक साल से अंतरिम सरकार काम कर रही है, जिसका नेतृत्व मुहम्मद यूनुस कर रहे हैं। अवामी लीग का आरोप है कि इस सरकार के दौरान बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है और सरकार को मजदूरों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
अवामी लीग के अनुसार, पिछले एक साल के दौरान बांग्लादेश में 500 से अधिक फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं, जिससे लगभग 1.2 लाख मजदूरों को अपनी नौकरियां गंवानी पड़ी हैं। इनमें से कई मजदूरों को मजबूरी में अपने गांव लौटना पड़ा। इसी अवधि में देश का बकाया कर्ज बढ़कर 26.6 अरब डॉलर तक पहुंच गया है, जिससे आर्थिक संकट और भी गंभीर हो गया है।
Looted Weapons, Impunity, and the Collapse of Law and Order in Bangladesh
The recent terrorist attack on police in Munshiganj once again proves that law and order in Bangladesh has completely collapsed. During the brutal attacks of July–August last year, terrorists stormed… pic.twitter.com/vrsFJyVbBE
— Lets Fight (@NextFightBD) August 26, 2025
अवामी लीग का कहना है कि संघर्ष कर रहे उद्योगों को केंद्रीय बैंक से मदद की उम्मीद थी। लगभग 1,300 कंपनियों ने ऋण पुनर्निर्धारण के लिए आवेदन किया था, लेकिन सिर्फ 280 को ही मंजूरी दी गई। पार्टी के अनुसार, धीमी प्रक्रिया और सरकारी अड़चनों के कारण बाकी कंपनियां अब भी इंतजार कर रही हैं। उन्होंने कहा कि, पैसे की कमी, कम उत्पादन, मजदूरों की छंटनी और आपूर्तिकर्ताओं को भुगतान में देरी से हालात और बिगड़ते जा रहे हैं। इस रफ्तार से कई उद्योग बंद हो सकते हैं।
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पार्टी ने आगे कहा कि, बैंकिंग सेक्टर में डिफॉल्ट लोन यानी चुकाए न गए कर्ज की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। व्यापारियों का कहना है कि अगर यही हाल रहा तो सभी आवेदनों की प्रक्रिया पूरी होने में 5 साल लग सकते हैं। अवामी लीग ने चेतावनी दी कि अगर कपड़ा और परिधान उद्योग, जो देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, को तुरंत समर्थन नहीं मिला तो हालात और खराब हो सकते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)