मोदी पहुंचे जवानों के बीच तो टैंक पर चढ़ गए पाकिस्तानी पीएम, फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आदमपुर एयरबेस पर सेना के जवानों से मिलने पहुंचे। इसके तुरंत बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी अपनी सेना का हौसला बढ़ाने के लिए पसरूर आर्मी छावनी पहुंचे। इस दौरान वे सेना के जवानों को संबोधित करने के लिए टैंक पर चढ़ गए और अपनी बहादुरी का बखान करने लगे। उनके साथ पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर भी मौजूद थे।
पीएम मोदी की आदमपुर यात्रा के बाद शहबाज शरीफ की यह हरकत सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई। लोगों ने इसे प्रधानमंत्री मोदी की नकल करने की कोशिश बताया। पसरूर कैंट में सैनिकों को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा, “मुझे बतौर प्रधानमंत्री पाकिस्तान अपनी सेना के नेतृत्व पर गर्व है। जब भी दुश्मन की तरफ से कोई खतरा होता, सेना प्रमुख मुझसे कहते कि वह ऐसा जवाब देंगे कि बहादुरी की ये कहानियां किताबों में लिखी जाएंगी।”
Prime Minister Muhammad Shehbaz Sharif addresses the officers and soldiers who took part in Operation Bunyan al Marsos.
May 14, 2025. pic.twitter.com/svlXu6ktWo— Prime Minister's Office (@PakPMO) May 14, 2025
शहबाज शरीफ ने खुद को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह नकल करने की कोशिश की, लेकिन हकीकत तो कुछ और था। 10 मई को हुए हमले में भारतीय सेना ने इस सैन्य शिविर का रडार सिस्टम पूरी तरह तबाह कर दिया था। इसके कुछ दिनों बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ घायल सैनिकों से मिलने पहुंचे और वहां एक भावनात्मक नाटक किया। अपने भाषण में उन्होंने वही पुरानी बातें दोहराईं और पाकिस्तानी सेना की तथाकथित वीरता की तारीफों के पुल बांध दिए।
शहबाज शरीफ टोपी पहनकर पसरूर स्थित आर्मी कैंप पहुंचे और वहां एक टैंक के ऊपर चढ़कर भाषण दिया। टैंक के पीछे एक बड़ा पोस्टर लगा था जिसमें उन लोगों की तस्वीरें थीं जो भारत की एयर स्ट्राइक में मारे गए थे। यह टैंक घास से ढका हुआ था ताकि उसे युद्ध जैसी स्थिति का हिस्सा दिखाया जा सके। शहबाज शरीफ लोहे की सीढ़ी के सहारे टैंक पर चढ़े और वहीं से अपना संबोधन शुरू किया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ आर्मी चीफ असीम मुनीर, एयर चीफ और रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ सहित कई अन्य सैन्य अधिकारी मौजूद थे। इस दौरान शहबाज शरीफ ने कई बार दिखावटी व्यवहार किया। उन्होंने टैंक पर चढ़कर असीम मुनीर और एयर मार्शल बाबर की पीठ थपथपाई, वहीं सैन्य अधिकारी उन्हें सलामी देते दिखाई दिए।
अपने संबोधन में शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी सेना की जमकर सराहना की। उन्होंने गर्व से कहा कि भले ही दुश्मन संख्या में हमसे कहीं बड़ा था, लेकिन हमारी सेना ने अपने साहस और रणनीति से उन्हें पूरी तरह जवाब दे दिया। हालांकि, उन्होंने भारतीय हमले से हुई क्षति का कोई ज़िक्र नहीं किया। शरीफ ने आगे कहा कि पाकिस्तानी सैनिकों की वीरता ऐसी है कि आने वाले समय में इस पर न केवल किताबें लिखी जाएँगी, बल्कि शोध भी किए जाएँगे। उन्होंने यह भी इच्छा जताई कि अगर उन्हें अवसर मिला, तो वे स्वयं इस विषय पर एक किताब लिखना चाहेंगे।