
उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में भड़की हिंसा (सोर्स- सोशल मीडिया)
Osman Hadi Death: बांग्लादेश के प्रमुख छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी जिन्होंने शेख हसीना की सरकार के खिलाफ आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। उनकी 18 दिसंबर 2025 को सिंगापुर में मृत्यु हो गई। वे इंकलाब मंच के संयोजक थे और बांग्लादेश की अवामी लीग और भारत के खिलाफ तीखी बयानबाजी के लिए जाने जाते थे। उनकी मौत के बाद ढाका में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे।
हादी की मौत की खबर फैलते ही ढाका के शाहबाद चौराहे पर हजारों लोग इकट्ठे हो गए और गुस्से में सड़क जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी आरोप लगा रहे थे कि हादी की सुरक्षा में सरकार ने लापरवाही की। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने स्थानीय समाचार पत्र प्रथम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों पर हमला किया। कई मंजिलों में तोड़फोड़ की गई, फर्नीचर और दस्तावेजों को बाहर निकालकर आग लगा दी गई।
#BREAKING | Bangladesh
Prothom Alo newspaper’s office in Dhaka has been attacked and ransacked by Islamic radicals following the death Islamic radical leader Osman Hadi.
Violent protests reported from multiple parts of the country. pic.twitter.com/wXg5mR0Kh3 — MUFFI KAPADIA (@muffikapadia) December 19, 2025
स्थानीय मीडिया के मुताबिक, कई पत्रकार और कर्मचारी इमारत में फंस गए थे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने डेली स्टार के दफ्तर पर भी हमला किया और उसे आग के हवाले कर दिया। विरोध प्रदर्शन यहीं नहीं रुके। प्रदर्शनकारियों ने चटगांव में भारतीय उच्चायोग के दफ्तर के बाहर जमा हो कर उस पर पत्थरबाजी की। भारत विरोधी नारे लगाए गए, जैसे भारतीय आक्रमण को ध्वस्त करो! और लीग वालों को पकड़ो और मारो! ये प्रदर्शन हादी की हत्या के खिलाफ गुस्से का प्रतीक थे।
Dhaka, Bangladesh: Islamists have vandalised the office of the country’s largest newspaper, Daily Prothom Alo and Daily Star, amid widespread outrage over the death of Sharif Osman Hadi. Situation tense in Bangladesh. Army called in pic.twitter.com/kK3ZPELp59 — Sikandar Kumar🇮🇳 (@TheWarrior003) December 19, 2025
हादी की हत्या 12 दिसंबर 2025 को ढाका के बिज़ॉयनगर इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान हुई थी। अज्ञात हमलावरों ने हादी को सिर में गोली मारी थी। गंभीर हालत में उन्हें ढाका के अस्पताल में इलाज दिया गया, लेकिन 15 दिसंबर को उन्हें एयर एम्बुलेंस से सिंगापुर भेजा गया। वहां सिंगापुर जनरल अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय और सिंगापुर अधिकारियों ने उनकी मौत की पुष्टि की।
उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने देशवासियों से शांति बनाए रखने और कानून को अपने हाथ में न लेने की अपील की। उन्होंने हादी को जुलाई 2024 के विद्रोह का निडर योद्धा और शहीद बताया। यूनुस ने कहा कि हादी उन ताकतों के खिलाफ लड़ रहे थे जो क्रांतिकारियों की आवाज दबाना चाहती थीं। उन्होंने हादी की हत्या के दोषियों को बख्शा न जाने का वादा किया और सरकार की ओर से हादी की पत्नी और उनके एकमात्र बच्चे की जिम्मेदारी लेने का ऐलान किया।
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बांग्लादेश की सरकार ने हादी की मौत के बाद राष्ट्रीय शोक घोषित किया और मस्जिदों में विशेष प्रार्थना का आयोजन करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही, हादी के योगदान और उनके संघर्ष को सम्मानित करने की योजना बनाई गई। हादी का नाम बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा, खासकर जुलाई 2024 के विद्रोह में उनके द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका के कारण।






