पीएम नरेंद्र मोदी, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की व रूसी राष्ट्रपति पुतिन (कॉन्सेप्ट फोटो)
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही तनातनी के बीच, अमेरिका ने हाल ही में टैरिफ को लेकर भारत पर कार्रवाई की थी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का मानना है कि इस तनातनी की वजह भारत का लगातार रूस से तेल खरीदना है। इन तमाम आरोप-प्रत्यारोपों के बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे की खबरें सामने आईं। वहीं, अब भारत में यूक्रेन के राजदूत अलेक्जेंडर पोलिशचुक ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के भारत दौरे को लेकर बात की है।
यूक्रेन ने एक बार फिर रूस के साथ चल रहे युद्ध को खत्म करने में भारत से और अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया है। भारत में यूक्रेन के राजदूत अलेक्जेंडर पोलिशचुक ने शनिवार को एएनआई से बात करते हुए कहा कि रूस के साथ भारत के दीर्घकालिक संबंधों को देखते हुए, यूक्रेन संभावित शांति वार्ता में भारत को एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में देखता है।
यूक्रेन के राष्ट्रीय ध्वज दिवस के अवसर पर बोलते हुए पोलिशचुक ने कहा कि 2023 से यूक्रेन और भारत के बीच संवाद में वृद्धि हुई है, जिसका उन्होंने स्वागत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस कथन की भी सराहना की कि भारत युद्ध में तटस्थ नहीं है, बल्कि शांति, कूटनीति और राजनीतिक संवाद का पुरज़ोर समर्थन करता है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सितंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के सत्र में भी दोनों देशों के बीच यह संवाद जारी रहेगा।
ज़ेलेंस्की की भारत यात्रा के बारे में पूछे जाने पर राजदूत ने कहा कि दोनों देश यात्रा की तारीख और बातचीत के विषय को अंतिम रूप देने में व्यस्त हैं। जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी। यूक्रेनी राजदूत ने ‘द वीक’ में भारत-यूक्रेन संबंधों पर चर्चा करते हुए एक लेख लिखा है।
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यूक्रेनी राजदूत ने लिखा, “यूक्रेन के तीन राष्ट्रपतियों ने भारत की आधिकारिक यात्राएं कीं, जबकि भारत के दो राष्ट्रपतियों ने यूक्रेन का दौरा किया। 2021 तक, रूस द्वारा यूक्रेन पर पूर्ण आक्रमण से पहले द्विपक्षीय व्यापार लगभग 3.4 बिलियन तक पहुंच गया था।”
उन्होंने कहा कि लंबे अंतराल के बाद, यूक्रेन के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री के बीच पहली मुलाकात नवंबर 2021 में ग्लासगो में जलवायु शिखर सम्मेलन के दौरान हुई। मई 2023 से ऐसी बैठकें और टेलीफोन वार्ता नियमित हो गई हैं।
23 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यूक्रेन की ऐतिहासिक यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ा। इसने दोनों लोकतंत्रों के नेताओं की रणनीतिक साझेदारी की दिशा में आगे बढ़ने की आकांक्षा की पुष्टि की।
आज, दोनों देशों के विदेश मंत्रालय और राजनयिक मिशन इस साझा उद्देश्य को लागू करने के लिए लगन से काम कर रहे हैं। राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की की आगामी भारत यात्रा के दौरान रणनीतिक साझेदारी के रोडमैप पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।
राजदूत ने एएनआई को आगे बताया कि हम यूक्रेन में शांति-निर्माण प्रक्रिया में भारत की अधिक भागीदारी की उम्मीद करते हैं। मेरा मानना है कि हमारी सभी बैठकें इस बात पर चर्चा का हिस्सा होंगी कि भारत रूस के साथ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक संवाद कैसे कर सकता है। हम इसकी उम्मीद करते हैं, खासकर रूस और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों को देखते हुए।