QUAD देश, फोटो ( सो.सोशल मीडिया)
अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की सख्त निंदा की है। ये तीनों देश QUAD समूह के सदस्य हैं, जिसमें भारत भी शामिल है। विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी एक संयुक्त बयान में हमलावरों को कटघरे में लाने पर जोर दिया है।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों पर गोलीबारी कर 26 निर्दोष लोगों की जान ले ली थी। QUAD देशों ने इस घटना को आतंकवाद की निंदनीय कार्रवाई बताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों अमेरिका के मार्को रूबियो, जापान के ताकेशी इवाया, भारत के एस. जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया की पेनी वॉन्ग ने एक संयुक्त बैठक में हिंसा की सख्त निंदा की। उन्होंने एक साझा बयान जारी कर कहा कि हमलों के दोषियों, संगठकों और उन्हें वित्तीय सहायता देने वालों को न्याय के समक्ष लाया जाना चाहिए। इस घटना के जवाब में, भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई भी की थी।
बयान में कहा गया कि हम 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को सख्त शब्दों में निंदा करते हैं। इस दर्दनाक घटना में 25 भारतीय नागरिकों तथा एक नेपाली नागरिक की जान चली गई और अनेक लोग घायल हुए। हम शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को वाशिंगटन में क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक के दौरान स्पष्ट किया कि भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का पूरा हक है और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने में देश पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि क्वाड के सहयोगी देश भारत के इस रुख को समझेंगे और इसका समर्थन करेंगे।
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क्वाड देशों की विदेश मंत्रियों की बैठक में इंडो-पैसिफिक सुरक्षा पर भी चर्चा हुई और चीन के बढ़ते प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की गई। सदस्य देशों ने इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन और समुद्री मार्गों की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना आवश्यक है।
एक संयुक्त बयान में क्वाड देशों ने क्षेत्रीय संप्रभुता और सीमाओं की अखंडता को बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि समुद्र में शांति और सहयोग से ही सभी देशों की समृद्धि संभव है। साथ ही, उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी राष्ट्र को बल प्रयोग करके सीमाओं को बदलने का प्रयास नहीं करना चाहिए।